कांग्रेस नेता राहुल गांधी को "मोदी वाले बयान" पर जमानत मिल गई है. सूरत की सेशन कोर्ट ने 13 अप्रैल तक जमानत दी. इस मामले में अब जमानत पर अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि बेल पर सुनावई के दिन ये जरूरी नहीं है कि राहुल गांधी उपस्थित रहें.
"इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!"
जमानत मिलने के बाद एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि "सत्य मेरा अस्त्र है".
ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है.इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!
आज कोर्ट में क्या हुआ?
सोमवार, 3 अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी सजा को चुनौती देते हुए सूरत सत्र न्यायालय में अपील दायर की. अपील दो आवेदनों के साथ की गई.
पहला: सजा के निलंबन के लिए आवेदन ( जो अनिवार्य रूप से नियमित जमानत के लिए एक आवेदन)
दूसरा: सजा के निलंबन के लिए एक आवेदन
सूरत कोर्ट ने पहले वाले आवेदन राहुल गांधी को 13 अप्रैल तक जमानत दे दी. अब जमानत पर अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी, जिसमें ये जरूरी नहीं है कि राहुल गांधी उपस्थि रहें.
दूसरे वाले आवेदन में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर आज न्यायालय ने रोक नहीं लगाई. हालांकि, शिकायतकर्ता (पूर्णेश मोदी) को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की गांधी की याचिका पर नोटिस जारी किया. शिकायतकर्ता को 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 3 मई को होगी.
मानहानि केस में कोर्ट ने उन्हें अपने भाषण के दौरान 'मोदी' सरनेम के अपमान का दोषी माना था. मजिस्ट्रेट ने उन्हें 2 साल जेल की सजा सुनाई जिसके बाद नियानुसार, संसद से उनकी सदस्यता भी रद्द हो गई.
अब याचिका दायर कर राहुल ने मानहानि केस में दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है, ताकि उनकी लोकसभा सदस्यता भी बहाल हो सके. राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे.
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