कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा हिंदुत्ववदी विचारधारा रखने वाले वीर सावरकर (Veer Savarkar) पर दिए गए बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है. राहुल के इस बयान के बाद शिवसेना (उद्धव), कांग्रेस और एनसीपी के महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ गए हैं. सवाल ये है कि क्या ये बयान गठबंधन में टूट लेकर आएगा.
सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी, एमवीए गठबंधन में दरार लाएगी: संजय राउत
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि, "राहुल गांधी ने वीर सावरकर के बारे में जो कहा, वह एमवीए गठबंधन में दरार का कारण बनेगा."
राउत से जब पूछा गया कि क्या इसका मतलब एमवीए टूटना है? तो उन्होंने कहा, "एमवीए नहीं टूट रहा है लेकिन इससे निश्चित तौर पर कड़वाहट आएगी... हमारे गठबंधन में दरार आएगी जो अच्छा संकेत नहीं है."
राउत ने भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ की लेकिन राहुल की आलोचना
राउत ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को महाराष्ट्र में बड़ी प्रतिक्रिया मिली है और इसलिए इस समय उन्हें सावरकर का मुद्दा उठाने और विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं थी.
राउत ने कहा- “देश के अन्य हिस्सों की तुलना में, महाराष्ट्र में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. उनकी यात्रा का उद्देश्य देश में चल रही नफरत को खत्म करना और बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाना है. उन्होंने इन मुद्दों को सही उठाया है… जब वह अच्छा काम कर रहे हैं और देश की अंतरात्मा को झकझोर रहे हैं, तो उन्हें सावरकर का मुद्दा उठाने की क्या जरूरत थी? उन्हें इसे नजरअंदाज करना चाहिए था और अपने अच्छे काम पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए था जो वह कर रहे हैं."
उन्होंने कहा कि, "राहुल गांधी ने कई बार अपनी बात स्पष्ट कर दी है. उन्होंने पहले भी बार-बार कहा है कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी... जब वह अपनी रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से इस बात को पहले ही कह चुके हैं, तो उन्हें वही दोहराने की क्या जरूरत है? जब वह देश में नफरत फैलाने की बात कर रहे हैं तो बार-बार सावरकर को निशाना क्यों बना रहे हैं?”
राहुल का बयान अस्वीकार, बीजेपी पर भी निशाना
संजय राउत ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, “हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि हम सावरकर से प्यार करते हैं, उनकी प्रशंसा करते हैं और उनमें असीम विश्वास रखते हैं. इसलिए हम राहुल गांधी के विचारों से सहमत नहीं हैं."
इस संदर्भ में राउत ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कुछ प्रासंगिक सवाल उठाए हैं. “जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया वे अचानक सावरकर के लिए प्रशंसा दिखा रहे हैं. यह स्पष्ट है कि बीजेपी सावरकर के नाम से राजनीतिक लाभ लेना चाह रही है.
“बीजेपी वीर सावरकर को भारत रत्न देने से क्यों कतरा रही है? हम वर्षों से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार आठ साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कोई भी फैसला लेने से इंकार कर रही है."संजय राउत
उद्धव ठाकरे ने भी कहा- "हम राहुल के बयान से सहमत नहीं"
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के एक गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्धव ठाकरे ने कहा कि, वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी ने जो कुछ भी बोला, हम उससे सहमत नहीं है. हम वीर सावरकर की बहुत इज्जत करते हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कुछ भी ऐसा सुनना हमें पसंद नहीं है.
उन्होंने कहा, हमारे दिल में वीर सावरकर के लिए आदर और सम्मान है. उनके योगदान को कोई नहीं मिटा सकता है.
राज ठाकरे की MNS ने भी घेरा
इस बीच, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है. एमएनएस ने राहुल को याद दिलाया कि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार सावरकर की प्रशंसा की थी.
एमएनएस नेता नितिन सरदेसाई ने कहा कि, "सावरकर की मृत्यु पर, इंदिरा गांधी ने खुद कहा था कि यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है... अगर उनकी दादी ने सावरकर की प्रशंसा की थी, तो वह क्रांतिकारी नेता का अपमान क्यों कर रहे हैं."
संजय राउत से मैंने बात की- यह मुद्दा MVA को प्रभावित नहीं करेगा
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, "ये इतिहास के मामले हैं और यह ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के बारे में है. विचारों में अंतर है. आज सुबह मैंने संजय राउत से बात की और हम असहमत होने पर सहमत हुए. उन्होंने इस धारणा का खंडन किया कि यह मुद्दा महा विकास अगाड़ी को कमजोर करेगा.
राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर क्या कहा था?
15 नवंबर को महाराष्ट्र के वाशिम में आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की याद में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था कि, "अंग्रेजों द्वारा बिरसा मुंडा को जमीन देने की पेशकश के बावजूद उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया था और उन्होंने मृत्यु को चुना. हम, कांग्रेस पार्टी, उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. बीजेपी और आरएसएस के लिए अंग्रेजों को दया याचिका लिखने वाले और पेंशन स्वीकार करने वाले सावरकरजी एक आदर्श हैं."
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