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आखिर तेज-तर्रार राज ठाकरे को क्यों लेनी पड़ रही है फेसबुक की मदद? 

युवाओं में अपनी और पार्टी की छवि को दोबारा मजबूत करने के लिए राज ठाकरे अब फेसबुक का सहारा लेने जा रहे हैं

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महाराष्ट्र की राजनीति के लिए राज ठाकरे बड़े नामों में से एक हैं. लेकिन, उनकी पार्टी MNS फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है. पार्टी प्रमुख और पार्टी के इकलौते फायर ब्रांड नेता राज ठाकरे का भी वो पुराना वाला 'असर' अब नहीं दिख रहा है.

ऐसे में पार्टी कैडर में जान फूंकने और युवाओं के बीच अपनी छवि को चमकाने के लिए राज ठाकरे अब फेसबुक का सहारा लेने जा रहे हैं.

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21 सितंबर को लॉन्च करेंगे फेसबुक पेज

राज ठाकरे 21 सितंबर को अपना फेसबुक पेज लॉन्‍च करने जा रहे हैं, जिसका टीजर मंगलवार को जारी किया गया. इस पेज का इस्तेमाल राज अपनी और पार्टी की बात रखने और कई कार्टून्स के जरिए लोगों में खास तौर पर मराठी युवाओं में पहुंचने की कोशिश के लिए करेंगे.

राज ठाकरे के चाचा और शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे भी 80-90 के दशक में अपने कार्टूनों के जरिए मराठी मानुस के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे थे. बता दें कि राज ठाकरे भी एक अच्छे कार्टूनिस्ट हैं.

शायद यही वजह है की राज ठाकरे इस शैली को अपना हथियार बनाना चाहते हैं. ऐसे में बाल ठाकरे वाली छवि भी लोगों तक पहुंच सकेगी.

राज ठाकरे फेसबुक पर इतनी देर से क्यों?

सवाल ये भी उठ रहे हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर जहां बीजेपी जैसी पार्टी सत्ता तक पहुंच चुकी है, ऐसे में राज ठाकरे को इस प्लेटफॉर्म पर आने में इतनी देरी कैसे हो गई?

राज ठाकरे की फेसबुक एंट्री पर शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है:

राज ठाकरे जी को बधाई. मैं मानता हूं कि राज ठाकरे देश के 10 बड़े कार्टूनिस्‍टों में से एक हैं. उनके व्यंग्‍यचित्र लोगों के बीच पहुंचने का काम करेंगे.

लेकिन पार्टी विस्तार में इसका कितना फायदा होगा, इस पर संजय राउत ने कुछ नहीं कहा.

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2006 में राज ठाकरे ने बनाई थी पार्टी

साल 2006 में शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे ने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाने का फैसला किया था. पार्टी बनने के महज तीन साल बाद, यानी 2009 में विधानसभा चुनाव हुए. MNS ने सबको चौंकाते हुए 13 सीट हासिल की. इस जीत ने शिवसेना और बीजेपी, दोनों पार्टियों के वोटबैंक में जमकर सेंध लगाई.

शिवसेना का गढ़ समझे जाने वाले मुंबई में MNS ने 6 सीट जीत लिए और मुंबई में दूसरे नंबर की पार्टी बनी. वहीं शिवसेना को सिर्फ 4 सीट ही हासिल हुई थी. दो साल बाद हुए BMC चुनाव में भी MNS का जलवा बरकरार रहा, पार्टी ने 27 सीटें जीतीं.
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लगातार बदलते स्टैंड ने किया पार्टी का बुरा हाल?

2014 लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद देश में मोदी लहर जोरों पर थी. उस वक्त MNS अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीजेपी को नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी को समर्थन देने का ऐलान किया. हालांकि, ये जतन करने के बावजूद लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, पार्टी का कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत सका. ऐसे में कभी पीएम नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त, बेहतर प्रशासक और विकास पुरुष बताने वाले राज ठाकरे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया.

ठाकरे की इस बदलती भूमिका ने पार्टी कार्यकर्ताओं में कंफ्यूजन के हालात पैदा करने का काम किया और नतीजा 6 महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में देखने को मिला. पार्टी 288 विधानसभा सीटों में से केवल 1 सीट ही जीत सकी. खास बात ये है कि राज ठाकरे ने इस चुनावों के दौरान पूरे महाराष्ट्र में जमकर रैली की थी.

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