NCRB की 2021 की रिपोर्ट में राजस्थान (Rajasthan) सबसे ज्यादा रेप के मामले दर्द करने वाले राज्य के रूप में सामने आया. इस आंकड़े ने एक नई बहस छेड़ दी है, लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि बाद में जांच होने पर लगभग आधे मामले फर्जी पाए गए. इसपर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि इससे प्रदेश की बदनामी होती है. उन्होंने कड़ी आपत्ती जताते हुए झूठे मुकदमे दायर करवाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं से अपराध के आधे से अधिक यानी 56 प्रतिशत मामले हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
जो झूठे मुकदमे दर्ज करवाते हैं, उन्हें छोड़ना नहीं चाहिए- गहलोत
गहलोत ने डीजीपी पुलिस मोहनलाल लाठर को फर्जी आरोप लगाकर मुकदमे दायर करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देते हुए कहा कि "मैं कहना चाहूंगा कि जो लोग झूठे मुकदमे दर्ज करवाते हैं, उन्हें छोड़ना नहीं चाहिए. झूठे मुकदमे करवाने वालों के खिलाफ संगीन केस हो और उसे लॉजिकल अंत तक लेकर जाएं ताकि और लोग ऐसा करके प्रदेश को बदनाम करने की हिम्मत नहीं करें."
उन्होंने कहा कि "रेप की घटनाएं कौन करता है? कोई विदेशी आता है क्या? अधिकांश घटनाएं परिवार के जान-पहचान वाले करते हैं, उनके रिलेटिव करते हैं. परिवार के मिलने वाले होते हैं."
FIR दर्ज करना अनिवार्य करने से बढ़े मामले- गहलोत
शुक्रवार को राजस्थान पुलिस अकादमी में दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद गहलोत ने मीडिया से कहा कि राजस्थान पुलिस बहुत शानदार काम कर रही है. राजस्थान में अपराध के मामले बाकी राज्यों के मुकाबले बहुत कम हैं. उन्होंने थानों में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य करने के राज्य सरकार के फैसले को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि
"हमारे कई नेता ये बात समझ नहीं पा रहे हैं. हमने सरकार बनते ही यह फैसला किया था. मैंने कह दिया था कि इससे नंबर तो बढ़ेंगे, लेकिन हर आदमी को जिंदगी में कम से कम यह तसल्ली तो रहेगी कि उसने अपनी बात थाने में जाकर लिखा दी है."अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
"राज्य की छवि खराब होती"
गहलोत ने कहा कि अगर किसी राज्य के अंदर ऐसी खबरें आती हैं कि अपराध बढ़ गया है, रेप हो रहे हैं, तो उससे पूरे राज्य की छवि खराब होती है. उन्होंने कहा कि इस मर्म को समझना पड़ेगा कि विपक्षी पार्टी के लोग ऐसी अफवाहें फैलाते हैं कि राज्य में दुष्कर्म के मामले बढ़े हैं, अपराध बढ़ गया है.
राजस्थान रेप के मामलों में टॉप पर, लेकिन जमीनी हकीकत में अंतर
NCRB की तरफ से 2021 में अपराध को लेकर हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों में राजस्थान को रेप और महिला उत्पीड़न मामले में नंबर एक पर है. इसके बाद से विपक्ष सरकार को घेर रहा है लेकिन आंकड़ों की जमीनी हकीकत कुछ अलग दिखाई दे रही है.
राजस्थान में 2021 में दर्ज दुष्कर्म के 6637 मामलों में 43.18 प्रकरण पुलिस जांच में प्रमाणित नहीं पाए गए.
कई मामलों में शिकायत कर्ता महिला के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 182 व 211 के तहत कार्रवाई भी की है. राजस्थान में FIR दर्ज करने को अनिवार्य कनरे के नए कानून के बाद अपराध संबंधित दर्ज मामलों में इजाफा हुआ है.
2018 की तुलना में 2019, 2020, 2021 में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढे हैं. 2018 में दुष्कर्म के 4375 मामले दर्ज किए गए थे. 2021 में यह 6637 दर्ज किए गए. वहीं महिला उत्पीड़न के मुकदमों की बात करे 2018 में 27594 मामले दर्ज किए गए जो 2021 में बढ़ कर 40220 हो गए, लेकिन यह भी सही है कि सितंबर 2018 से लेकर फरवरी 2022 तक दर्ज दुष्कर्म के कुल 14907 मामलों में से 5782 मामले प्रमाणित नहीं पाए गए.
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