राजस्थान की राजनीति में पिछले तीन दिन से उथल-पुथल जारी है. डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत से सरकार पर खतरा मंडराने लगा. जिसके बाद अब आखिरकार पायलट को उनकी "को-पायलट" की कुर्सी से उतार दिया गया है. इसके बाद पायलट ने आखिरकार ट्वीट किया और लिखा कि- सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं. फिर बारी सीएम अशोक गहलोत की थी. उन्होंने भी मीडिया के सामने आकर अपने पूर्व "को-पायलट" और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
सोमवार तक कांग्रेस साइलेंट मोड में काम कर रही थी. भले ही सीएम गहलोत ने विधायकों की परेड कराकर शक्ति प्रदर्शन किया हो, लेकिन पायलट के खिलाफ कोई भी नहीं बोल रहा था. लगातार पायलट और अन्य बागी विधायकों को वापसी का मौका दिया जा रहा था.
बकायदा फिर से मंगलवार सुबह विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें बागियों को लिखित न्योता देने की बात कही गई. ये वक्त इसलिए भी दिया गया क्योंकि गहलोत सरकार ने जनता को दिखाया कि उनके कई बार बुलाने पर भी पायलट वापस नहीं लौटे.
गहलोत ने लिया पायलट का नाम
पायलट की वापसी को लेकर तमाम कोशिशें दिखाने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने पहली बार पायलट पर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी के साथ उनका नाम लेते हुए बता दिया कि पायलट सरकार गिराने की तैयारी में थे. उन्होंने कहा,
“सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है. ये बीजेपी है जो पूरा शो चला रही है. बीजेपी ने ही बागी विधायकों के लिए वो रिजॉर्ट बुक कराया और वो हर चीज मैनेज कर रहे हैं. बीजेपी की वही टीम यहां काम कर रही है, जिसे मध्य प्रदेश में काम पर लगाया गया था.”अशोक गहलोत
इसके अलावा गहलोत ने पायलट को उनके पद से हटाए जाने को लेकर कहा कि, हाई कमान को फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि बीजेपी काफी लंबे समय से साजिश रच रही थी और हॉर्स ट्रेडिंग का सहारा ले रही थी. हम जानते थे कि ये एक बड़ी साजिश है, इसकी वजह से हमारे कुछ दोस्त भटक गए और दिल्ली चले गए. साथ ही गहलोत ने इशारों-इशारों में बता दिया कि पिछले कई महीनों से पायलट का रवैया ठीक नहीं था. इसके लिए उन्होंने कहावत- "आ बैल मुझे मार" का सहारा लिया.
गहलोत के अलावा सचिन पायलट के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस इंचार्ज अविनाश पांडे ने भी मोर्चा खोला. उन्होंने कहा,
“बिल्कुल सही कह रहे हैं सचिन पायलट, जनता ने जिन्हें चुना है उनकी जीत है. भगवान उनको सदबुद्धि दे.”अविनाश पांडे
बीजेपी मौके के लिए तैयार
भले ही राजस्थान में मध्य प्रदेश जैसे हालात न बने हों, लेकिन बीजेपी मौके के लिए पूरी तरह तैयार बैठी है. राजस्थान बीजेपी चीफ पूनिया के बयान से कुछ ऐसा ही लगता है. क्योंकि वो हर बार ये बयान दे रहे हैं कि उनकी प्राथमिकता सरकार को सत्ता से हटाना है. एक बार फिर सतीश पूनिया ने कहा,
“लोग इस सरकार से गुस्सा और असंतुष्ठ हैं. दुनिया की कोई भी ताकत इसे बचा नहीं सकती है. हमारी प्राथमिकता यही है कि ये सरकार सत्ता से हट जाए. हम सतर्क हैं और फिलहाल हालात पर नजर बनाए हुए हैं. जैसे ही स्थिति साफ होगी हम अपनी रणनीति तय करेंगे.”सतीश पूनिया
बीजेपी चीफ के अलावा पार्टी के नेता गुलाब चंद्र कटारिया ने गहलोत को बहुमत साबित करने को कहा. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम को हटाए जाने के बाद राजस्थान कांग्रेस पार्टी में दो धड़े नजर आ रहे हैं. अगर सीएम अपनी कैबिनेट को बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें पहले फ्लोर पर अपना बहुमत साबित करना होगा. अगर वो बिना फ्लोर टेस्ट के ऐसा करते हैं तो ये अच्छा संदेश नहीं होगा.
वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मौजूदा हालात पर तंज कसते हुए कहा कि, फिलहाल राजस्थान सरकार ऑटो-पायलट मोड पर है, क्योंकि मुख्यमंत्री तो पायलट का पीछा कर रहे हैं.
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