राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच सचिन पायलट को पार्टी का आदेश न मानने की सजा मिली है और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें डिप्टी सीएम और राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है. हांलाकि अभी तक कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाला नहीं है और आकर बात करने का विकल्प खुला छोड़ा है. पायलट ने 13 जुलाई को पार्टी से बगावत करते हुए कहा था कि उन्हें 30 विधायकों का समर्थन है और गहलोत सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. इसके बाद राजस्थान का राजनीतिक संकट उभरकर सबके सामने आ गया. आपको समझाते हैं कि राजस्थान की राजनीति का ये पूरा घटनाक्रम कैसे परवान चढ़ा.
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- राजस्थान में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही गहलोत और पायलट के बीच तकरार शुरू हो गई थी. विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन के दौरान विवाद सामने आया था, इसके बाद यह तब बढ़ गया जब पार्टी हाई कमान ने अनुभवी गहलोत को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना.
- 10 जुलाई- राजस्थान में हालिया सियासी हलचल तब तेज हुई जब राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के संबंध में एक मामला दर्ज किया. बताया गया कि एसओजी ने दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आई जानकारी के आधार पर यह मामला दर्ज किया था.
- 10 जुलाई- एसओजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और चीफ व्हिप को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजकर उनका समय मांगा था. इस बीच मीडिया में सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स सामने आईं कि एसओजी के लेटर ने पायलट को नाखुश कर दिया और इसे उन्होंने अपमान के तौर पर देखा है.
- 12 जुलाई- गहलोत ने इस मामले पर सफाई देते हुए ट्वीट कर कहा, ''एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप, अन्य कुछ मंत्री और विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं. कुछ मीडिया द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है.''
- 13 जुलाई- खबर आई कि पायलट का दावा है कि 30 कांग्रेसी विधायक उनके समर्थन में हैं. इससे साफ हो गया है कि पायलट खुली बगावत कर चुके हैं. ये भी तय हो गया कि वो 13 जुलाई की सुबह होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी पायलट हिस्सा नहीं लेंगे.
- 13 जुलाई- सुबह-सुबह विधायक दल की बैठक से पहले खबर आई कि आयकर विभाग राजस्थान में कई गहलोत के करीबी नेताओं के घर और दफ्तर पर सर्च कर रहा है. इससे ये कयास लगाए गए कि बीजेपी विधायकों को सिग्नल देने की कोशिश कर रहा है.
- 13 जुलाई- दोपहर 12 बजे- रणदीप सुरजेवाला ने सचिन पायलट को दो टूक कहा- 'कभी-कभी वैचारिक मतभेद होता है, लेकिन इसके चुनी हुई अपनी ही पार्टी को कमजोर करना और बीजेपी को खरीद फरोख्त का मौका देना गलत है.' सुरजेवाला ने अपील की है कि अगर आपको कोई समस्या है तो आईये सोनिया जी के साथ बैठकर सुलझा लेंगे.
- 13 जुलाई- दोपहर 3 बजे- के आसपास सीएम गहलोत के घर चल रही राजस्थान कांग्रेस पार्टी की बैठक खत्म हुई. बताया गया कि बैठक में गहलोत को समर्थन देने के लिए 107 विधायकों ने हिस्सा लिया. इसके बाद सभी विधायक बसों में सवार होकर होटल के लिए निकल गए.
- 13 जुलाई- शाम 5 बजे- कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सभी विधायक जयपुर के होटल फेयरमाउंट पहुंचे. बताया गया है कि सभी ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके बाद ऐहतिहातन उन्हें होटल लाया गया है.
- 13 जुलाई- रात 9 बजे- खबर आई कि राजस्थान में सरकार पर मंडराते संकट के बीच एक बार फिर कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. ये बैठक मंगलवार सुबह 10 बजे रखी गई है, जिसमें सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों को आने का न्योता दिया गया है. कहा गया है कि वो आएं और हालात पर बात करें.
- 13 जुलाई- रात में ही राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें इस खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर स्थित एक रिजॉर्ट में रणनीति बनाते दिख रहे हैं. वहीं साथ में अशोक गहलोत खेमे के विधायकों का भी वीडियो सामने आया.
- 14 जुलाई- दोपहर 1 बजे- विधायक दल की बैठक में 102 विधायकों की मांग, सचिन पायलट को पार्टी से हटाएं.
- 14 जुलाई- 2 बजे- सचिन पायलट को उनकी बगावत की सजा मिली, उन्हें डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया गया. उनके हटाए जाने की बात करते गुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के दरवाजे अब भी उनके लिए खुले हैं वो आएं और आकर हमसे बात कर सकते हैं
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