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राज्यसभा चुनाव: सुभाष चंद्रा और कार्तिकेय शर्मा के जरिए BJP ने कांग्रेस को घेरा

Rajya Sabha Chunav: Subhash Chandra राजस्थान तो Kartikeya Sharma हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में दांव आजमा रहे हैं

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राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) में दो मीडिया मुगल मैदान में हैं. जी समूह के प्रमुख सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) और आईटीवी नेटवर्क के डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma). एक हरियाणा से और दूसरे राजस्थान से. दोनों ही उम्मीदवार निर्दलीय बनकर उतरे हैं और नुकसान की आशंका कांग्रेस को दिख रही है.

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एक और मीडिया घराने के मालिक राजीव शुक्ला भी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन वे मीडिया घराने के बजाए विशुद्ध रूप से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा के लिए चुनाव मैदान में हैं. हालांकि पार्टी के भीतर उनकी उम्मीदवारी का भी विरोध हो रहा है. अभी चर्चा उन दो मीडिया घराने के उम्मीदवारों की, जिनकी मौजूदगी ने हरियाणा और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को रोचक बना दिया है.

प्रमोद तिवारी नहीं खुद सीएम गहलोत के लिए चुनौती हैं सुभाष चंद्रा

राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा का दक्षिणपंथी रुझान किसी से छिपा नहीं है और पहले भी वे बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा का चुनाव जीत चुके हैं. मगर, इस बार स्थिति भिन्न है. वे अपने गृह प्रदेश हरियाणा से नहीं, बल्कि राजस्थान से चुनाव मैदान में हैं. यहां चार सीटों के लिए कांग्रेस के तीन उम्मीदवार हैं और बीजेपी के एक. सुभाष चंद्रा सीधे तौर पर कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी के लिए खतरा बन रहे हैं. मगर, वास्तव में देखा जाए तो वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए चुनौती बने हुए दिख रहे हैं.

कांग्रेस ने राजस्थान में किसी भी स्थानीय को राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाया है. रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार हैं. वहीं, बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवाड़ी उम्मीदवार हैं. राजस्थान में जीत के लिए 41 वोटों की जरूरत है.
Rajya Sabha Chunav: Subhash Chandra राजस्थान तो Kartikeya Sharma हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में दांव आजमा रहे हैं

राजस्थान में किस दल के कितने विधायक

(फोटो- क्विंट)

कांग्रेस के तीन राज्यसभा सदस्य तभी चुने जा सकते हैं जब उसके पास 123 विधायक हों. कांग्रेस पार्टी के पास अपने 108 विधायक हैं. मतलब यह कि उसके पास अतिरिक्त 26 विधायक हैं और उसे 15 विधायकों की जरूरत है. कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय और सीपीएम के दो विधायकों के अलावा बीटीपी के 2, आरएलडपी के 3 और आरएलडी के 1 विधायक भी उनका ही समर्थन करेंगे. इस तरह कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार की जीत में कोई बाधा नहीं है.

राजस्थान में क्रॉस वोटिंग रोक पाएंगे गहलोत?

कागज पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित भले ही दिख रही है, लेकिन राजस्थान में क्रॉस वोटिंग का इतिहास रहा है. कोई पार्टी इससे अछूती नहीं रही है. ताजा राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से किसी भी उम्मीदवार को मौका नहीं देना कांग्रेस के भीतर भावनात्मक मुद्दा है. इसके अलावा अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की अदावत भी क्रॉस वोटिंग की वजह हो सकती है. इन्हीं वजहों से बीजेपी ने सुभाष चंद्रा को निर्दलीय उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में खड़ा किया है.

सुभाष चंद्रा के लिए बीजेपी 30 वोटों का इंतजाम करके बैठी हुई है. उसे 11 और वोट चाहिए. विकल्प बहुतेरे हैं. निर्दलीय से लेकर छोटे दल और खुद कांग्रेस में सेंधमारी से इन वोटों का जुगाड़ संभव हो सकता है. मगर, क्या सुभाष चंद्रा ऐसा कर पाएंगे? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर राजस्थान में तीसरे राज्यसभा उम्मीदवार की हार होती है तो यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कौशल और चुनाव प्रबंधन की हार मानी जाएगी. जाहिर है पार्टी के भीतर की गुटबाजी निश्चित रूप से गहलोत को मुश्किल भरी स्थिति में डाल देगा.

हरियाणा में कार्तिकेय बीजेपी के नहीं, कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी

हरियाणा में भी मीडिया घराने से कार्तिकेय शर्मा की उम्मीदवारी ने राज्यसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. कार्तिकेय शर्मा की उम्मीदवारी से कांग्रेस को नुकसान होगा या बीजेपी को, पहले इसे समझ लेना जरूरी है. कांग्रेस ने अजय माकन और बीजेपी ने कृष्णलाल पंवार को चुनाव मैदान में उतारा है. हरियाणा से 2 सीटें और 3 उम्मीदवार हैं. जीत के लिए पहले उम्मीदवार को चाहिए 31 वोट और दूसरे उम्मीदवार को 30. कांग्रेस के पास जरूरत से 1 ज्यादा है और बीजेपी के पास 9. तीसरे उम्मीदवार के लिए गुंजाइश बनती नहीं दिख रही है. ऐसे में कार्तिकेय शर्मा ने किस उम्मीद में चुनाव मैदान में एंट्री की है यह समझना दिलचस्प है.

Rajya Sabha Chunav: Subhash Chandra राजस्थान तो Kartikeya Sharma हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में दांव आजमा रहे हैं

हरियाणा में किस दल के कितने विधायक

(फोटो- क्विंट)

जेजेपी के 10 विधायकों का समर्थन पा चुके कार्तिकेय शर्मा के लिए बीजेपी के 9 विधायकों समेत 19 विधायकों के समर्थन का इंतजाम हो चुका माना जा सकता है. अब अगर सभी 7 निर्दलीय विधायकों का भी कार्तिकेय शर्मा के लिए प्रबंधन हो जाता है तो वोटों की गिनती पहुंच जाती है 26. अब एचएलपी और आइएनएलडी के एक-एक वोट भी अगर उन्हें मिल गये तो संख्या हो जाती है 28. मगर, इसके आगे कम से कम दो वोट बाकी रह जाते हैं.

कांग्रेस के लिए यही दो वोट बचाना भारी पड़ सकता है. क्या कांग्रेस अपने विधायकों को सुरक्षित रख सकेगी? इस प्रश्न का भी जवाब ढूंढ़ना होगा कि खतरा बीजेपी को क्यों नहीं है और कांग्रेस को क्यों है?

कार्तिकेय शर्मा से कांग्रेस को 5 कारणों से है खतरा

  1. कार्तिकेय शर्मा वरिष्ठ कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे हैं. वे हरियाणा में मंत्री भी रह चुके हैं और कांग्रेस में उनकी पकड़ रही है.

  2. कार्तिकेय शर्मा कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन के उम्मीदवार और प्रतिद्वंद्वी भी हैं क्योंकि कांग्रेस ने न तो कार्तिकेय के समर्थन का एलान किया है और न ही करने की उम्मीद है.

  3. कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वे हरियाणा में स्थानीय उम्मीदवार नहीं देने का मसला उठाने के बहाने कार्तिकेय के लिए माहौल बनाने में जुट चुके हैं.

  4. कुलदीप बिश्नोई का रुख भी महत्वपूर्ण है जिनके बारे में भी कहा जा रहा है कि पार्टी में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बढ़ते वर्चस्व से नाराज़ हैं और वे भितरघात को बढ़ावा दे सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने दावा किया है कि कुलदीप बिश्नोई पूरी तरह से कांग्रेस के साथ हैं.

  5. हरियाणा में रणदीप हुड्डा और शैलजा फैक्टर भी है. इन दोनों में से किसी को भी हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनने देने पर अड़े भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इनके समर्थकों के भितरघात का खतरा सता रहा है.

बीजेपी राज्यसभा चुनाव में आरामदायक स्थिति में हैं. उसके अतिरिक्त वोट कार्तिकेय शर्मा के काम आएंगे. लिहाजा कार्तिकेय के प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार नहीं हैं. इसलिए बीजेपी को कार्तिकेय शर्मा से कोई खतरा हो, ऐसा नहीं लगता.

हरियाणा और राजस्थान में दो मीडिया टाइकून के राज्यसभा चुनाव में मौजूदगी को इस रूप में भी देखा जा सकता है कि राजनीति ने इन्हें मोहरा बना लिया है. जेजेपी जैसे छोटे-छोटे दल बड़े खेल के छोटे खिलाड़ी भर नजर आते हैं. ये सब देखते हुए कांग्रेस ने हरियाणा से अपने विधायकों को पड़ोसी राज्यों में रातों रात शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. इससे भी पता चलता है कि कार्तिकेय शर्मा बीजेपी के लिए नहीं, कांग्रेस के लिए खतरा हैं.

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