बुआजी ने बबुआ से समाजवादी पार्टी के 10 वफादार विधायक मांगें हैं, जो राज्यसभा के लिए बीएसपी उम्मीदवार को गारंटी से वोट करें. लगता है बीएसपी उम्मीदवार का राज्यसभा पहुंचना दोनों पार्टियों के आगे के गठबंधन के लिए बहुत अहम होगा.
बहुजन समाज पार्टी ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था. एसपी ने दोनों ही सीट बीजेपी से छीन लीं. अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती अपना 'रिटर्न गिफ्ट' चाहती हैं. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अखिलेश से राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर के लिए दस वफादार विधायकों अलॉट करने का कहा है.
23 मार्च को राज्यसभा की वोटिंग होनी है. बीजेपी और एनडीए के दूसरे घटक मिलाकर 324 विधायक हैं और एक राज्यसभा सीट के लिए 37 वोट की जरूरत है इस लिहाज से बीजेपी की आठ सीटें पक्की हैं. एसपी की भी एक सीट पक्की है. लेकिन एसपी अपने 10 अतिरिक्त वोट बीएसपी को ट्रांसफर करने का एलान कर चुकी है जिससे कांग्रेस के 7 विधायकों की मदद से उसके उम्मीदवार भीमराव अंबेडर जीत जाएं.
लेकिन नरेश अग्रवाल ने बीच में खेल बिगाड़ने की कोशिश की है. एसपी के विधायक उनके पुत्र नितिन अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इसी दम पर बीजेपी ने 9 उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में बीएसपी को क्रॉस वोटिंग होने का डर है .यही वजह है कि मायावती चाहती हैं उनके उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की गारंटी लें अखिलेश.
क्या कहता है यूपी के राज्यसभा चुनाव का गणित?
उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटें हैं. हर राज्यसभा सीट के लिए 37 विधायकों के वोट चाहिए. बीजेपी के पास सहयोगी दलों को मिलाकर यूपी में कुल 324 विधायक हैं. जिससे बीजेपी की आठ राज्यसभा सीटें तो पक्की हैं. लेकिन इसके बाद भी बीजेपी के पास 28 विधायकों के वोट बचेंगे. इनके जरिए वो बीएसपी की सीट पर रुकावट खड़ी कर सकती है.
दसवीं सीट के लिए फंसा है पेंच
यूपी में बीजेपी की आठ और समाजवादी पार्टी की एक सीट पक्की है. अब झगड़ा सिर्फ दसवीं सीट का है, जिस पर बीएसपी और बीजेपी दोनों की नजरें जमी हुईं हैं. बीएसपी के पास कुल 19 विधायक हैं, लिहाजा उसे अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 18 और विधायकों की जरूरत है.
बीएसपी ने अपने उम्मीदवार की जीत के लिए जो गणित तैयार किया है, उसके हिसाब से बीएसपी को समाजवादी पार्टी के 10 ,कांग्रेस के 7 और आरएलडी के एक विधायक का वोट चाहिए. इन वोटों को मिलाकर (बीएसपी 19+ एसपी 10+ कांग्रेस 7+ आरएलडी 1) बीएसपी के पास 37 वोट हो जाएंगे. नरेश अग्रवाल के बीजेपी में चले गए. ऐसे में उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के विधायक नितिन अग्रवाल का वोट कम हो गया और गणित गड़बड़ा गया.
माया की मदद से बढ़ सकती है अखिलेश की चुनौती
अखिलेश यादव अगर मायावती के कहे अनुसार उनकी मदद करते हैं, तो उनकी खुद की चुनौती बढ़ सकती है. समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को अपना उम्मीदवार बनाया है. समाजवादी पार्टी के पास कुल 47 विधायक हैं, एक राज्यसभा सीट के लिए 37 वोटों की जरूरत है.
अगर समाजवादी पार्टी अपने 10 समर्पित विधायक बीएसपी को दे देती है तो उसकी अपनी उम्मीदवार जया बच्चन के खिलाफ क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ जाएगा. बीएसपी को 10 समर्पित विधायक देने के बाद एसपी के पास कुल 37 विधायक बचेंगे, जिनमें एसपी छोड़ बीजेपी में जाने वाले सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी शामिल हैं.
वादे पर टिकी है गठबंधन की आस
राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार की जीत आने वाले चुनावों में एसपी-बीएसपी के गठबंधन के लिए भी जरूरी मानी जा रही है. जानकारों की मानें, तो बीएसपी फूलपुर, गोरखपुर में समर्थन कर अपना वादा पूरा कर चुकी है. अब बारी एसपी की है, अगर अखिलेश बीएसपी के खाते में एक राज्यसभा सीट पहुंचाने में नाकामयाब होते हैं तो आने वाले चुनावों में गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान हो सकता है.
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