छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हुए कार्यक्रम के दौरान कालीचरण (Kalicharan) महाराज जिन्होंने महात्मा गांधी (Gandhi) के लिए अपशब्द कहे और गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी उन्हें अब जेल में डाला गया है, इस बीच दक्षिणपंथी समूहों (राइट विंग) के लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर मांग की है कि महाराष्ट्र के धार्मिक गुरू की रिहाई की जाए.
विरोध कर रहे बजरंग सेना के एक नेता ने दावा किया कि कालीचरण ने कुछ भी गलत नहीं किया और केवल वही कहा जो "हर कोई जानता है".
बजरंग सेना के संदीप कुशवाहा ने कहा, "उन्होंने (कालीचरण महाराज) केवल वही कहा जो सत्य है. हर कोई जानता है. वैसे भी गांधी ने क्या किया? यदि केवल चरखा घुमाकर ही स्वतंत्रता प्राप्त की जा सकती थी तो सभी ने ऐसा किया होता. भगत सिंह के बलिदान ने आजादी दिलाई. चरखा फेरने से किसी को आजादी नहीं मिली."
प्रदर्शन कर रहे दक्षिणपंथी समूह के लोगों ने कमीश्नर को इस बाबत ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में मांग की गई कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी को गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि ये तीनों नेता हमेशा हिंदू धर्म का अपमान करते रहते हैं. साथ ही कालीचरण महाराज को रिहा करने की मांग की गई.
यह ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को संबोधित करते हुए लिखी गई.
ये विरोध प्रदर्शन मध्य प्रदेश के इंदौर में गांधी प्रतिमा के सामने किया गया जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ नारेबाजी की गई और नाथूराम गोडसे की जय-जयकार की गई.
बता दें कि 3 जनवरी को कालीचरण महाराज की जमानत पर सुनवाई होने वाली है जिन्हें 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)