Lok Sabha Election 2024: लोकतंत्र का 'महापर्व' दहलीज पर खड़ा है. इस 'महापर्व' की तैयारियां भी जोरों-शोरों पर हैं. कांग्रेस के बाद अब लालू यादव की पार्टी RJD ने भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र (RJD Manifesto) जारी कर दिया है. इसे नाम दिया गया है 'परिवर्तन पत्र'. विपक्षी गुट 'INDIA' की सरकार बनने पर एक करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे से लेकर गरीब परिवार की महिलाओं को हर साल एक लाख रुपए देने, अग्निवीर योजना रद्द करने, 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने तक, तेजस्वी यादव ने अपने घोषणापत्र में कुल 24 वचन दिए हैं.
चलिए समझते हैं कि RJD ने अपने तमाम बड़े घोषणाओं से समाज के किन तबकों को साधने की कोशिश की है. साथ ही हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि पार्टी का घोषणापत्र कांग्रेस से कितना अलग है?
युवा वोटर्स
लालू यादव से RJD की राजनीतिक विरासत पाने के बाद तेजस्वी यादव पार्टी को युवाओं की पार्टी के रूप से समाने लाने की कोशिश लगातार करते रहे हैं. बिहार का पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने पूरी तरह से रोजगार और नौकरी के मुद्दे पर लड़ा. नीतीश कुमार के फिर NDA में जाने से पहले बिहार में 17 महीने जो महागठबंधन सरकार रही, तेजस्वी उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि 5 लाख सरकारी नौकरी बांटने को बताते हैं. एक बार फिर तेजस्वी नौकरी के मुद्दे पर ही लोकसभा चुनाव में भी बैटिंग करना चाहते हैं.
RJD ने वादा किया है कि सभी सरकारी विभागों और सार्वजनिक संस्थानों में खाली पड़े 30 लाख पदों को भरने के अलावा 70 लाख नए पद तैयार कर कुल 1 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी. साथ ही पार्टी ने संविदा और अस्थायी पदों को नियमित करने के लिए अभियान चलाने की बात की है.
सेना में भर्ती के लिए मोदी सरकार की "अग्निपथ" योजना को लेकर विपक्ष ने लगातार युवाओं से धोखे का आरोप लगाया है. ऐसे में कांग्रेस के बाद अब RJD ने भी अपने घोषणपत्र में वादा किया है कि अगर INDIA गठबंधन की सरकार बनती है तो अग्निपथ स्कीम को रद्द कर दिया जाएगा. पुरानी भर्ती स्कीम में तेजी लाई जायेगी.
साथ ही पार्टी का वादा है कि युवा वर्गों के हितों के मद्देनजर राष्ट्रीय युवा आयोग का गठन किया जाएगा.
RJD और कुल मिलाकर INDIA ब्लॉक लोकसभा चुनाव में युवा वोटरों की अहमियत जानता है. कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में युवाओं को फोकस में रखा है. बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में 1.8 करोड़ ऐसे मतदाता होंगे जो पहली बार वोट डाल रहे होंगे. अगर कुल युवा वोट बैंक की बात करें तो इस चुनाव में 20-29 वर्ष के आयु वर्ग के 19.47 करोड़ मतदाता हैं.
सामाजिक न्याय
जिस तरह से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पिछली महागठबंधन सरकार ने जाति आधारित सर्वे बिहार में कराया, वो अपने आप में एक मिसाल बन गया. तेजस्वी इसे ठीक यही बताते हैं और उन्हीं आंकड़ों के आधार पर जिसकी आबादी में जितनी हिस्सेदारी- उसे उतना आरक्षण देने की वकालत भी करते हैं. बिहार में ऐसा ही हुआ और 75 प्रतिशत आरक्षण वहां लागू हो चुका है. RJD का वादा है कि अब यही काम राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए. पार्टी ने वादा किया है:
पूरे देश में जातिगत जनगणना
बिहार की तर्ज पर पूरे देश में आरक्षण की सीमा बढ़कर 75% किया जाएगा.
सरकारी ठेकों में दलित, पिछड़ों और आदिवासी समुदायों की हिस्सेदारी तय होगी.
मंडल कमीशन की बची हुई सिफारिशों को लागू किया जाएगा.
बीजेपी एक तरफ राम मंदिर जैसे मुद्दे को लगातार उछालकर लोकसभा चुनाव में माइलेज लेने की कोशिश में है. वहीं RJD खुद को समाजिक न्याय की राजनीति करने वाली पार्टी बताती है, उसे अपने कोर वोट बैंक की अहमियत पता है. पार्टी इस मोर्चे पर पीछे नहीं दिखना चाहती और यही बात उसके घोषणापत्र में भी नजर आती है.
महिला, किसान, गरीब और मिडिल क्लास
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की चुनावी सफलता को कई बार महिला और मिडिल क्लास से पार्टी की जुड़ने की क्षमता से जोड़ा जाता है. RJD अपने घोषणापत्र में कुछ ऐसा ही करती नजर आ रही है. पार्टी के 24 'जनवचन' में ऐसे कई मुद्दे जुड़े हैं. जैसे:
हर गरीब घर की महिला को प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता.
गैस सिलेंडर की कीमत पूरे देश में 500 रुपए से अधिक नहीं होगी.
हर घरेलू उपभोक्ता को 200 यूनिट बिजली मुफ्त.
केंद्र और राज्य में RJD की सरकार आने पर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को वापस लाया जाएगा.
'स्वास्थ्य का कानूनी' अधिकार लाएगी. स्वास्थ्य के अधिकार को संवैधानिक स्वरूप देते हुए हर बीमारी का खर्च सरकार देगी. बीमा कंपनियों की मनमानी खत्म होगी.
किसानों को 10 फसलों पर MSP मिलेगी. स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिश लागू होगी. किसानों को कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली.
2024 लोकसभा चुनाव में कुल 96.8 करोड़ वोटर्स हैं और इनमें से महिला वोटर्स की संख्या 47.1 करोड़ है यानी लगभग आधी.
खास बात है कि महिलाओं के लिए ठीक ऐसा ही वादा कांग्रेस ने भी किया है. कांग्रेस के घोषणापत्र में हर गरीब भारतीय परिवार को बिना कोई शर्त हर साल 1 लाख रुपये देने के लिए 'महालक्ष्मी योजना' शुरू करने का वादा किया गया है.
इसके अलावा एक और गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस ने लगातार सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना/OPS की वकालत की है और विधानसभा चुनावों में इसे अपना मुद्दा भी बनाया. लेकिन उसने अपने घोषणापत्र में OPS को जगह नहीं दी है. जबकि RJD ने इसको वापस लाने का वादा किया है.
बिहार
RJD जैसी मूल रूप से क्षेत्रीय पार्टियों की स्थिति कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करने वाली पार्टियों से अलग होती है. यही वजह है कि इन क्षेत्रीय पार्टियों के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दे प्रमुख होते हैं. RJD के घोषणापत्र में भी बाहर के लिए कई वादे किए गए हैं.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
बिहार को 5 साल में 1.60 लाख करोड़ का विशेष पैकेज
बिहार में पूर्णिया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, भागलपुर एवं रक्सौल एयरपोर्ट को शुरू किया जाएगा
बिहार में एक फिल्म सिटी बनेगी
दरअसल लोकसभा चुनाव में RJD की मुख्य लड़ाई बिहार की 23 लोकसभा सीटों पर ही है. बिहार में RJD ने पहले 26 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. बाद में अपने कोटे की तीन सीटें- गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी मुकेश सहनी की पार्टी VIP को दे दीं.
2019 के चुनाव में RJD एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी. इस बार भी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती है. अब पार्टी के ये 24 'जनवचन' जनता को कितने रास आते हैं, यह तो 4 जून को पता चलेगा जब नतीजे हम सब के सामने होंगे.
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