पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता शरद यादव (Sharad Yadav) का 75 साल की उम्र में निधन हो गया. उनकी बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने फेसबुक पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी है.
शरद यादव की बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि "पापा नहीं रहे"
शरद यादव को पहली बार 1974 के उपचुनाव में मध्य प्रदेश के जबलपुर से लोकसभा के लिए चुना गया था.
यह वह समय था जब जेपी आंदोलन अपने चरम पर था और वे हलधर किसान के चुनाव चिन्ह पर जय प्रकाश नारायण द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे. इसके बाद 1977 में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए. 1979 में जब जनता पार्टी का विभाजन हुआ, तो उन्होंने चरण सिंह गुट का साथ दिया.
जब राजीव गांधी ने पहली बार 1981 में अमेठी से उपचुनाव जीतकर लोकसभा में प्रवेश किया, तो शरद यादव लोकदल के टिकट पर हारने वाले उम्मीदवार थे.
वो 1984 में चरण सिंह के नेतृत्व में लोकदल के टिकट पर उत्तर प्रदेश के बदायूं से हार गए थे. इसके बाद साल 1989 में जनता दल के सदस्य के रूप में बदायूं (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से चुने गए थे.
इसके बाद 2004 में लालू यादव द्वारा अपनी सीट से इस्तीफा देने के बाद हुए उपचुनाव को छोड़कर, वो बिहार के मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे है. उन्होंने 1991, 1996, 1999 और 2009 में चार बार मधेपुरा सीट जीती.
लालू यादव ने व्यक्त किया शोक
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)