पालघर में हालिया लोकसभा उपचुनाव के बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने रविवार को बीजेपी पर तीखा हमला कहा कि वो उनकी पार्टी की सबसे बड़ी राजनीतिक शत्रु है. राउत ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दोनों को नहीं चाहता है, लेकिन कांग्रेस या जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा को मंजूर कर सकता है. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित अपने लेख में कहा है कि शिवसेना बीजेपी की सबसे बड़ी राजनीतिक शत्रु है. शिवसेना का प्रखर हिन्दुत्ववाद बीजेपी के लिए अड़चन पैदा कर सकता है.
शिवसेना को कमजोर करने का बीजेपी का मकसद
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि बीजेपी ने पालघर में चिंतामण वनगा के बेटे (शिवसेना के उम्मीदवार) को हराकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस सीट पर चिंतामण वनगा के निधन के चलते उपचुनाव जरूर हो गया था. बता दें कि इस सीट पर मुकाबला शिवसेना और बीजेपी के बीच ही था जिसमें बीजेपी ने बाजी मारी थी.
राउत ने आरोप लगाया कि क्योंकि शिवसेना बीजेपी की मुख्य राजनीतिक विरोधी है, इसलिए बीजेपी की योजना उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ सत्ता में रहते हुए उसे कमजोर करने की है. उन्होंने कहा , ‘‘ इस तरह बीजेपी की योजना शिवसेना के साथ सत्ता में रहने और धन-बल का इस्तेमाल कर उसे कमजोर करने की है. बीजेपी ने पालघर उपचुनाव में शिवसेना की हार सुनिश्चित करने के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल किया. ''
ईवीएम की गड़बड़ी से बीजेपी की जीत
राउत ने दावा किया कि पालघर में ईवीएम में ‘‘ गड़बड़ी '' की वजह से बीजेपी की जीत हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी पालघर लोकसभा उपचुनाव जीतने में सफल रही, लेकिन कई दूसरे लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव हार गई. इससे दिखता है कि देश में कई जगह बदली हुई हवा चल रही है. शिवसेना नेता ने कहा,‘‘ उपचुनाव परिणाम बीजेपी के पतन की शुरुआत है. '' उन्होंने कहा , ‘‘ देश की ऐसी हालात है कि वो कांग्रेस या देवगौड़ा को स्वीकार कर सकता है, लेकिन मोदी और शाह को नहीं. ''
(इनपुट: पीटीआई)
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