मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को कांग्रेस ने वारासिवनी सीट से उम्मीदवार बना दिया है. लेकिन एक्सपर्ट कह रहे हैं कि शिवराज के साले को लेकर कांग्रेस फंस गई है, क्योंकि अब उसके हाथ से सीएम चौहान को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा निकल जाएगा.
कांग्रेस के कई नेता तो इस बात से हैरान हैं कि संजय मसानी का पुराना रिकॉर्ड खंगाले बगैर उन्हें कैसे शामिल कर लिया गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इसे शिवराज के लिए झटका और अपनी उपलब्धि बताएं, लेकिन ये भी सच है कि विधानसभा चुनाव प्रचार में वो अब मुख्यमंत्री को व्यापमं और रिश्तेदारों के कथित भ्रष्टाचार पर घेरने के बजाए बैकफुट में आ जाएंगे.
कौन हैं संजय मसानी?
संजय सिंह मसानी शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के भाई हैं. पिछले 15 साल से उन्हें सीएम का करीबी माना जाता था. वो अक्सर भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी साधना सिंह के साथ शामिल होते रहे हैं.
उनके काम करने का तरीका और उनका लाइफस्टाइल कुछ ऐसा है कि विवाद अपने आप उन तक खिंचे चले आते हैं. वो नेतागिरी करने के अलावा बॉलीवुड फिल्मों में एक्टर और प्रोड्यूसर भी हैं. उन्होंने अक्षय कुमार की पैडमैन समेत करीब 5 फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया है.
संजय मसानी पर कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके रिश्तेदार, खास तौर पर संजय मसानी को लेकर भ्रष्टाचार के जमकर आरोप लगाए हैं. साल 2012 में कांग्रेस ने बाकायदा आयकर विभाग में संजय मसानी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की थी और कार्रवाई की मांग की थी.
शिवराज सिंह डंपर विवाद में फंसे थे, तो उसमें भी संजय मसानी का नाम आया था. डंपर विवाद में साधना सिंह पर 4 डंपर खरीदने की बात सामने आई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मान भी लिया था, लेकिन आरोप साबित नहीं हो पाए.
व्यापमं मामले में भी उनका नाम आरोपों के घेरे आया था. उस वक्त व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर आनंद राय ट्वीट करके उन पर गंभीर आरोप लगाए थे. संजय सिंह ने बदले में मानहानि का मुकदमा ठोकने की धमकी भी दी थी.
कांग्रेस को केस की परवाह नहीं
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कुछ दिन पहले ये बताया गया था कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी के खिलाफ 4 केस हैं या 5 केस, बस उम्मीदवार जीतने वाला होना चाहिए.
संजय मसानी दरअसल बालाघाट जिले की वारासिवनी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बनना चाहते थे. लेकिन वहां से टिकट नहीं मिला, तो कांग्रेस में आ गए. उनका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ, जिसमें वो अपनी सीट के 150 गांवों के नाम एक ही सांस में ले रहे हैं.
वैसे मसानी महाराष्ट्र के गोंदिया के रहने वाले हैं. कारोबारी होने की वजह से उनका मध्य प्रदेश और मुंबई में कई बड़े कॉरपोरेट से अच्छे रिश्ते हैं.
संजय मसानी का कांग्रेस में जाना शिवराज सिंह चौहान के लिए व्यक्तिगत झटका है. लेकिन जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस के लिए चुनाव अभियान के दौरान मुख्यमंत्री को व्यापमं घोटाले में जोड़ना और उनके रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना मुश्किल हो जाएगा.
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