पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर निशाने पर ले रही है. इसी क्रम में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एक बयान जारी किया है.
सोनिया ने कहा है, ''एक तरफ कोरोना महामारी के कहर और दूसरी तरफ महंगे पेट्रोल-डीजल की मार ने, देशवासियों का जीना बेहद मुश्किल कर दिया है. आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में तो पेट्रोल और डीजल, दोनों की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई हैं.''
इसके अलावा सोनिया ने कहा है,
- 25 मार्च के लॉकडाउन के बाद मोदी सरकार ने पिछले 3 महीनों में 22 बार लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाई हैं. डीजल की कीमत 11 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 9 रुपये 12 पैसा प्रति लीटर और बढ़ा दी.
- पिछले 3 महीने में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ इकट्ठे करने का इंतजाम कर दिया है. यह तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं.
सोनिया ने कहा है, ‘’2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने के बजाए पेट्रोल और डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, जिससे सरकार ने लगभग 18 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली की. यह अपने आप में जनता की मेहनत की कमाई से पैसा निकालकर खजाना भरने का जीता जागता सबूत है.’’
उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी ये है कि वो मुश्किल समय में देशवासियों का सहारा बने, उनकी मुसीबत का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी न करे.
सोनिया ने मोदी सरकार से मांग की है कि ''कोरोना महामारी के इस संकट में बढ़ाई गईं पेट्रोल और डीजल की कीमतें फौरन वापस ली जाएं.'' इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की है कि मार्च से अब तक पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी को भी वापस लिया जाए.
राहुल गांधी ने भी सामने रखीं मांगें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले पर एक वीडियो शेयर अपनी मांगें सामने रखी हैं.
राहुल ने कहा है कि ''सरकार पेट्रोल-डीजल से मुनाफाखोरी बंद करे, एक्साइज दर तुरंत घटाए और दाम कम करे.''
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