पेंटागन की एक रिपोर्ट (Pentagon report) में दावा किया गया है कि चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में 4.5 किलोमीटर के भीतर तक प्रवेश किया था. अब इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है.
कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री को अब माफी मांगनी चाहिए और उनसे चीन को अपनी "क्लीन चिट" वापस लेनी चाहिए, जिसके तहत प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए और इसके साथ ही समयसीमा भी बतानी चाहिए कि कब तक सीमाओं पर अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति बहाल की जाएगी.
कांग्रेस नेता व प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले साल अरूणाचल प्रदेश से बीजेपी सांसद तपीर गाओ ने प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में किए गए अतिक्रमणों के बारे में चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है. लेकिन पीएम और गृहमंत्री ने इस चेतावनी को खारिज कर दिया. अब17 महीने हो गए हैं, लेकिन मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे रखी है.
पेंटागन रिपोर्ट में चीनी घुसपैठ की पुष्टि
पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने अरूणाचल प्रदेश की सीमा में करीब 4.5 किमी अंदर घुस कर एक गांव बसा लिया. सीमा पार के गांव दोहरे उपयोग के हैं, जहां न केवल नागरिक आबादी है, बल्कि चीनी सेना के लिए एक छावनी के रूप में भी ये गांव काम करते हैं. इसे भारत के लिहाज से सुरक्षा का बड़ा खतरा बताया जा रहा है. इसी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस सरकार से सवाल पूछ रही है.
क्लीन चिट इतिहास का काला अध्याय
खेड़ा ने बताया है कि मोदी द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट भारत के इतिहास में एक काला अध्याय है क्योंकि चीन ने पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल किया हैं. उन्होंने आगे कहा "यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है. प्रधान मंत्री को चीन को दी गई अपनी क्लीन चिट वापस लेनी चाहिए और राष्ट्र को एक समय सीमा देनी चाहिए और बताएं कि अप्रैल 2020 की यथास्थिति को चीन के साथ हमारी सभी सीमाओं पर कब बहाल किया जाए, चाहे वह देपसांग, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स, दौलत बेग ओल्डी हो या अरुणाचल प्रदेश
पपन खेड़ा ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मागनी चाहिए क्योंकि उन्होंने सुरक्षा के नाम पर देश को अंधेरे में रखा.सही तथ्य नहीं बताए गए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री को अब एक समयसीमा तय करनी चाहिए. इसके अलावा देश से माफी भी मांगनी चाहिए.
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