कोरोना संकट के बीच कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए एक हजार बसों का ऑफिर दिया था. लेकिन लंबे विवाद के बाद ये बसें प्रवासी मजदूरों तक नहीं पहुंच पाईं. वहीं अब इस विवाद को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बसों के फर्जीवाड़े के मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसे लेकर उन्होंने स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
बता दें कि मई के महीने में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि उन्हें प्रवासी मजदूरों की मदद करने दें. इसके लिए उन्होंने हजार बसों के इंतजाम की बात कही थी. ये मामला कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा.
कई चिट्ठियां लिखी गईं और उनके जवाब दिए गए. इसके बाद कहा गया कि यूपी कांग्रेस ने जिन 1 हजार बसों की लिस्ट सरकार को दी थी, उनमें कई ऑटो, बाइक और अन्य वाहनों के नंबर थे.
दो लोगों के खिलाफ हुई थी एफआईआर
इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. ये एफआईआर धोखाधड़ी और गलत जानकारी देने को लेकर दर्ज हुईं हैं. वहीं इस दौरान लल्लू को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. इस मामले को लेकर कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस का साथ दिया था, वहीं बीजेपी ने इसे एक बड़े फर्जीवाड़े के तौर पर सोशल मीडिया पर भुनाने की कोशिश की. लेकिन आखिरकार जितनी भी बसें कांग्रेस ने भिजवाईं थीं, उन्हें वापस भेजना पड़ा.
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