उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मौर्य के खिलाफ ACJM कोर्ट ने फर्जी डिग्री मामले में प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने बताया है कि इस मामले पर अब अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. यूपी के डिप्टी सीएम के खिलाफ ये आरोप लगाया गया है कि वो अपनी फर्जी डिग्री को दिखाकर चुनाव लड़ते हैं. इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता ने मौर्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इसी डिग्री से पेट्रोल पंप भी लिया है.
डिग्री के सत्यापन के लिए आदेश हुए जारी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ याचिका दायर करने वाले शख्स ने मांग की है कि उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए. खास बात ये है कि ACJM प्रयागराज ने इस मामले पर जांच के आदेश जारी कर दिए. ACJM नम्रता सिंह ने पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट बिंदुवार तरीके से सौंपी जाए. सबसे पहले डिग्री का सत्यापन करने के आदेश दिए गए हैं.
इस मामले पर पहले ही सुनवाई हो चुकी थी. लेकिन 6 अगस्त को कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद लोग इस फैसले का इंतजार कर रहे थे. आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में ये याचिका दायर की गई थी. उनका कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य ने हिंदी साहित्य सम्मेलन की जो डिग्रियां लगाई हैं, वो किसी भी बोर्ड या प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं हैं.
फिलहाल प्रयागराज पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और अगले कुछ दिनों में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी जा सकती है. अगर याचिकाकर्ता के आरोप सच साबित हुए तो यूपी के डिप्टी सीएम मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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