राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया है. सोमवार इस्तीफे का ऐलान करने के लिए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी से नाराजगी जताई और सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए. कुशवाहा ने कहा, “पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी कहते थें कि गरीबों को न्याय मिलेगा, चुनाव से पहले सोशल जस्टिस की बात करते थे इसलिए लोगों ने उनपर भरोसा किया, हमलोग भी इसीलिए आकर्षित हुए थे. लेकिन नहीं अब जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. सोशल जस्टिस की उम्मीद पर भी पानी फिर गया. ”
इससे पहले उन्होंने एनडीए की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था. सरकार छोड़ने के बाद कुशवाहा की एनडीए से रुखसती भी तय है.
‘बिहार के अच्छे दिन नहीं आए’
उपेंद्र कुशवाहा ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा,
पीएम मोदी ने बार-बार बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की बात की थी, बिहार के किसान गरीब सब को उम्मीद थी की बिहार के लिए अच्छे दिन आएंगे. सबने समर्थन दिया, वो पीएम बन गए. मुझे भी मंत्रिमंडल में जगह मिली. लेकिन तब से आज तक जो लोगों ने उम्मीद की थी उस कसौटी पर पीएम मोदी नहीं खड़े उतरे. आज भी बिहार वहीं है जहां पहले था.
‘पिछड़ों के साथ हुआ धोखा’
उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार पर पिछड़ा और दलित विरोधी भी बताया. उन्होंने कहा, “2014 के चुनाव से पहले सभी दल जातीय जनगणना को तैयार थे. लेकिन इस सरकार ने जातीय जनगणना की मांग भी पूरी नहीं की. उसमें गड़बड़ियां बता कर उसे रोक दिया गया. हजारों करोड़ रुपये इसपर खर्च हुआ. लेकिन कुछ नहीं हुआ. लोग खासकर OBC वर्ग अब ठगा हुआ महसूस कर रहा है. कई बार कोर्ट का हवाला देकर सरकार ने कहा कि OBC और दलित को जस्टिस देने में दिक्कत हो रही है. सरकार कोर्ट में मामले में बोल सकती थी, कुछ कदम उठा सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”
“नीतीश कुमार मेरी पार्टी को बर्बाद करना चाहते हैं”
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के सीएम नीतीस कुमार पर भी तीखा हमला करते हुए कहा,
नीतीश कुमार का अजेंडा बहुत पहले से था कि मेरी पार्टी को बर्बाद किया जाए. बीजेपी भी मेरी पार्टी को कमजोर करने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी. लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में विधानसभा उपचुनाव हुए, जिसमें उस समय लोक जन शक्ति को एक सीट पर लड़ने दिया गया और बाकी सीट पर बीजेपी लड़ी. लेकिन मेरी पार्टी को चुनाव में मौका नहीं दिया गया. उस वक्त से मेरी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही थी.
क्यों कुशवाहा ने छोड़ा मंत्रिमंडल?
बता दें कि कुशवाहा का आरोप है कि बिहार में सीटों के बंटवारे में बीजेपी ने आरएलएसपी को अलग छोड़ दिया था और उन्हें कोई भाव नहीं दे रही थी. RLSP को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के बीजेपी के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं.
मोदी सरकार से इस्तीफे के ऐलान के बाद उपेंद्र कुशवाहा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा का इस्तीफा
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कुशवाहा के इस्तीफे से बदल सकते हैं बिहार की सियासत के समीकरण
उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने की स्थिति में बिहार में सियासी समीकरण बदल सकते हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ हफ्तों से बीजेपी और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.
RLSP को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के बीजेपी के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है.
RLSP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा-
‘‘उपेंद्र कुशवाहा आज NDA से अपनी राह अलग करने की घोषणा कर सकते हैं. वह केंद्रीय मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे देंगे.’’
माना जा रहा है कि RLSP एनडीए से अलग होने के बाद विपक्ष से हाथ मिला सकती है, जिसमें लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और कांग्रेस शामिल है. बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं.
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