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UP 5th Phase:राम मंदिर-नौकरी-आवारा पशु और कुर्मी वोट का मुद्दा, SP-BJP कौन भारी?

कुल 693 में से 27% दागी उम्मीदवार मैदान में हैं.

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उत्तर प्रदेश चुनाव के पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान है. 693 में से 90 महिला उम्मीदवार हैं. सातों में से पांचवां चरण ऐसा है, जिसमें सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट से लेकर अयोध्या में 27 फरवरी को वोटिंग है. ऐसे में 2 विधानसभा चुनावों के जरिए समझते हैं कि SP-BJP के जीत हार का रिकॉर्ड क्या रहा है?

पांचवें चरण में अमेठी (Amethi), रायबरेली (Raebarelly),सुल्तानपुर (Sultanpur), चित्रकूट (Chitrakoot), प्रतापगढ़ (Pratapgarh),कौशांबी (Kaushambi), प्रयागराज (Prayagraj), बाराबंकी (Barabanki), अयोध्या (Ayodhya), बहराइच (Bahraich), श्रावस्ती (Shrawasti) और गोंडा (Gonda) में 27 फरवरी को वोट डाले जाने हैं.

2012 में 67% सीटों पर SP का था कब्जा

2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो 61 में से SP ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें सुल्तानपुर की 7, प्रतापगढ़ की 4, इलाहाबाद की 8, बाराबंकी की 6 और गोंडा की 6 सीटों पर कब्जा किया. BSP को 7 सीट मिली, जिसमें इलाहाबाद की 3, कौशाम्बी से 2, चित्रकूट और बहराइच से एक एक सीट. BJP 5 सीट जीत सकी, जिसमें कौशाम्बी की सिराथू सीट से केशव प्रसाद मौर्य, बहराइच से 2, गोंडा और बाराबंकी से एक-एक सीट.

निर्दलीय उम्मीदवारों की बात करें तो प्रतापगढ़ के कुंडा से राजा भैया और बाबागंज से विनोद कुमार ने जीत हासिल की. कांग्रेस ने 6 सीट अपने नाम की, जिसमें बहराइच से 2, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, इलाहाबाद और रायबरेली से एक एक सीट है.
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5 साल में एसपी 67% से घटकर 8% पर आ गई

2017 के चुनाव में 41 सीटों पर रहने वाली SP 5 सीट पर आ गई, उसे सिर्फ सुल्तानपुर से 2, इलाहाबाद, बाराबंकी और बहराइच से एक-एक सीट मिली. वहीं BJP को 47 सीटों पर जीत मिली, जिसमें गोंडा की 7, रायबरेली की 2, सुल्तानपुर की 6, इलाहाबाद की 8 सीट शामिल है. BSP को इलाहाबाद की प्रतापपुर, हंडिया और श्रावस्ती की भींगा सीट से जीत मिली. Apna Dal (Soneylal) को प्रतापगढ़ से 2 और इलाहबाद से 1 सीट पर जीत मिली.

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26 सीटों पर 25% से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं

पांचवें चरण में जिन 12 जिलों में मतदान है, उनमें बहराइच (33%) और श्रावस्ती (30%) में सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं. इसके बावजूद साल 2017 में बीएसपी ने श्रावस्ती की भींगा, एसपी ने बहराइच की मटेरा सीट पर कब्जा जमाया था. 7 सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी. बाराबंकी में 22%, रायबरेली में 21% और अयोध्या में 14% मुस्लिम आबादी है. कांग्रेस गढ़ अमेठी में करीब 20% मुस्लिम वोटर हैं. कुल 26 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम आबादी औसत 25% से ज्यादा है.

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डिप्टी सीएम से अयोध्या की सीट तक: निर्णायक भूमिका में पासी वोटर

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पांचवें चरण में जिन 12 जिलों में मतदान हो रहा है, उसमें कौशांबी ऐसी जगह है जहां पर 36% अनुसूचित जाति का वोटर है. उनमें से पासी वोटर की संख्या सबसे ज्यादा है. दूसरा नंबर रायबरेली का आता है. यहां कुल 7 सीट है, लेकिन 5 पर चौथे चरण में मतदान हो चुका है. 2 सीटों पर पांचवें चरण में होना है. 29% अनुसूचित जाति का वोटर है. पासी वोटर की संख्या ज्यादा है.

बाराबंकी, चित्रकूट में भी अनुसूचित जाति के वोटर की संख्या 26% से ज्यादा हैं. बाराबंकी में पासी ज्यादा हैं वहीं चित्रकूट में जाटव के बाद दूसरे नंबर पर हैं. फैजाबाद जिला जो अब अयोध्या हो गया है वहां पर 22% अनुसूचित जाति का वोटर है, लेकिन जाटव से ज्यादा पासी हैं. सुल्तानपुर में भी अनुसूचित जाति का वोटर 22% से ज्यादा है.
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पांचवें चरण में राजा भैया की अग्नि परीक्षा है

पांचवें चरण में बाहुबली विधायक राजा भैया की अग्नि परीक्षा है. वे 29 साल से प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट से विधायक हैं. अबकी बार उन्होंने अपनी जनसत्ता पार्टी बनाई है. इस बार एसपी ने राजा भैया को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी की है. कुंडा और आसपास के इलाकों में राजा भैया की छवि काफी प्रभावी है. खासकर ठाकुर समाज में. इस बार कुंडा विधानसभा सीट से एसपी ने राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव को टिकट दिया है. ऐसे में उन्हें चुनौती मिलती दिख रही है.

राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह जब 2019 में जनसत्ता पार्टी के टिकट पर प्रतापगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़े तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में प्रतापगढ़ और आसपास के जिलों में जो माहौल दिख रहा है, उसे देखकर शायद एक या दो सीट निकल जाए. बाकी जगहों पर प्रभाव कम है. पहली सीट खुद राजा भैया की कुंडा विधानसभा, दूसरी बाबागंज.
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पांचवें चरण में मां-बेटी दिखाएंगी एक दूसरे के खिलाफ दम

पांचवें चरण में स्वर्गीय सोनेलाल पटेल के कुनबे में वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है. सोनेलाल पटेल पहले बीएसपी में थे. कांशीराम से कुछ मतभेद हुआ और उन्होंने अपना दल नाम से अलग पार्टी बना ली. लखनऊ में कुर्मी क्षत्रीय महारैली की. यही रैली अपना दल की आधार बनी.

2009 में सोनेलाल पटेल का निधन हो गया और पार्टी दो धड़ों में बंट गई. एक में पत्नी कृष्णा पटेल और बेटी पल्लवी पटेल रहीं और अपना दल (कमेरावादी) बनी. दूसरी में बेटी अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (सोनेलाल) बनाया. अनुप्रिया पटेल पहले रोहनिया से विधायक बनीं उसके बाद बीजेपी से गठबंधन करके 2014 से लगातार दूसरी बार सांसद बनीं. अभी भी वे बीजेपी के साथ हैं. उनकी मां कृष्णा पटेल एसपी के साथ हैं.

अपना दल (कमेरावादी) से पल्लवी पटेल डिप्टी सीएम को चुनौती देते हुए सिराथु से चुनाव मैदान में हैं. मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं अनुप्रिया पटेल की पार्टी को कुल 17 सीट मिली है, जिसमें से 7 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान है, जिसमें मानिकपुर, विश्वनाथगंज, सोरांव, प्रतापपुर, बारा, चायल और नानपारा है.

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जाट-मुस्लिम-सिख से होते हुए चुनाव अब कुर्मी वोटर पर टिका

उत्तर प्रदेश में यादव के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी कुर्मी वोटर की है. अपना दल के दोनों धड़े सबसे ज्यादा इसी समुदाय की राजनीति करते हैं. यूपी में कुर्मी सैथवार समाज का वोट करीब 6% है, जिसमें पटेल, गंगवार, सचान, कटियार, निरंजन, चौधरी और वर्मा आते हैं.

प्रयागराज और कौशांबी में कुर्मी वोटों का सबसे ज्यादा प्रभाव है. कुर्मी और गैर यादव की वजह से ही 2012 में बीजेपी उम्‍मीदवार के तौर पर केशव मौर्य पहली बार सिराथू से जीते. बीजेपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी समाज से आते हैं और मिर्जापुर के रहने वाले हैं.
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डाकू ददुआ का बेटा और अनुप्रिया पटेल के उम्मीदवार में टक्कर

पांचवें चरण में चित्रकूट जिले की चित्रकूट सदर और मानिकपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला है. यहां डाकू ददुआ का बेटा और अनुप्रिया के उम्मीदवार के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है.

  • मानिकपुर से बीजेपी ने अपना दल की तरफ से अविनाश चंद द्विवेदी को मैदान में उतारा है. उनके सामने एसपी ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को टिकट दिया है. मानिकपुर सीट पर पटेल समुदाय लगभग 15 हजार है. ब्राह्मण 80 हजार, कोल आदिवासी 40 हजार हैं. करीब 20 हजार के करीब यादव हैं.

  • चित्रकूट सदर से बीजेपी ने मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को टिकट दिया है. एसपी ने अनिल प्रधान पटेल को मैदान में उतारा है. यहां करीब 3 लाख वोटर हैं. ब्राह्मण करीब 50 हजार हैं, दूसरे नंबर पर कुर्मी हैं. ऐसे में इस बार ये वोटर बंट सकता है.

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राम मंदिर-प्रयागराज में तैयारी कर रहे छात्र और किसानों का प्रभाव

उत्तर प्रदेश के पांचवें चरण के चुनाव में कई बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा योगी सरकार में मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (प्रतापगढ़), सिद्धार्थ नाथ सिंह (प्रायगराज), नंद गोपाल गुप्ता (प्रयागराज दक्षिण), रमापति शास्त्री (गोंडा), चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय (चित्रकूट) मैदन में हैं.

अयोध्या से उठा राम मंदिर का मुद्दा, आवारा पशुओं से परेशान किसान और प्रयागराज में नौकरी के लिए तैयारी करने वाले युवा निर्णायक भूमिका में हैं. इस बीच कई रैलियों में बीजेपी यूक्रेन पर पीएम मोदी की इमेज ब्रांडिंग भी करती दिखी. ऐसे में पिछले चार चरणों की तुलना में बीजेपी के लिए गेन करने का अच्छा मौका है. वहीं एसपी के लिए जातिगत समीकरण को साधने की चुनौती भी है.

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