ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: चौथे चरण में केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें सियासी समीकरण

साल 2012 में एसपी ने 39 सीटों पर कब्जा कर लिया था.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश चुनाव के चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 624 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन क्षेत्रों में किसान आंदोलन, अजय मिश्र टेनी, आवारा पशु, कोविड जैसे मुद्दे उठाए गए. 9 में से करीब 5 जिलों में अनुसूचित जाति के वोटर की संख्या 25% से ज्यादा है. वे चुनाव में निर्णायक भूमिका में हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यूपी चुनाव के चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर,  हरदोई, उन्नाव,  लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर में वोट डाले जाने हैं.

2012 में एसपी ने 39 सीटों पर किया था कब्जा

साल 2012 के चुनाव में एसपी ने 39 सीटों पर कब्जा किया था, जिसमें लखनऊ के अलावा लखीमपुर खीरी की 4 सीट, सीतापुर की 7, हरदोई की 6 और उन्नाव की 5 जीत ली थी. बीएसपी ने 12 सीट जीती थी, जिसमें लखीमपुरी खीरी की 3, फतेहपुर की 3, सीतापुर की 2 सीट पर कब्जा किया था. बीजेपी ने पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, लखनऊ और फतेहपुर से 4 सीट जीती थी. कांग्रेस ने लखनऊ कैंट, और बांदा की 2 सीट सहित कुल 3 सीट जीती थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

2017 में एसपी 39 से घटकर 4 सीट पर आ गई

साल 2017 के चुनाव में एसपी की बुरी हार हुई वह 39 सीटों पर घटकर 4 सीट पर आ गई. सीतापुर, हरदोई, लखनऊ की मोहनलालगंज (SC) और राय बरेली की ऊंचाहार सीट ही जीत सकी. वहीं बीएसपी सीतापुर और उन्नाव से 2 सीट जीत सकी. बीजेपी ने 50 सीटों पर कब्जा किया, जिसमें पीलीभीत की 4, खीरी की 8, सीतापुर की 7, हरदोई की 7, उन्नाव की 5, और लखनऊ की 8 सीट शामिल है. कांग्रेस रायबरेली की दो सीट जीत सकी थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पीलीभीत और लखनऊ में मुस्लिम वोटर ज्यादा

जिन 9 जिलों में चुनाव है, उनमें से पीलीभीत में 24% और लखनऊ में 21% मुस्लिम आबादी है. खीरी की बात करें तो वहां पर 20%, सीतापुर में 19%, हरदोई में 13%, फतेहपुर में 13%, रायबरेली में 12%, उन्नाव में 11% और बांदा में 8% मुस्लिम आबादी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

निर्णायक भूमिका में अनुसूचित जाति के वोटर

जिन 59 सीटों पर मतदान हो रहा है, उसमें अनुसूचित जाति के वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. सीतापुर में सबसे ज्यादा 31% वोटर हैं. हरदोई में भी 31 SC वोटर हैं. उन्नाव में 30%, रायबरेली में 29%, खीरी में 25%, फतेहपुर में 25%, लखनऊ में 21%, बांदा में 20% और पीलीभीत में 15% SC वोटर हैं. कई जगहों पर पासी समुदाय बहुत ज्यादा है और हार-जीत में बड़ी भूमिका निभाता है.

केंद्रीय मंत्रियों के क्षेत्र में चुनाव

चौथा चरण इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें मोदी सरकार में मंत्री राजनाथ सिंह (लखनऊ), स्मृति ईरानी (अमेठी), सांसद कौशल किशोर (मोहनलालगंज) और अजय मिश्र टेनी (लखीमपुर खीरी) के इलाके में चुनाव है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसान आंदोलन,बेसहारा पशु और कोरोना बड़ा मुद्दा

चौथे चरण में बेसहारा (आवारा नहीं) पशुओं के कारण हो रही परेशानी का मुद्दा चरम पर है. इस वजह से लगातार इलाके में लोगों को जान गंवानी पड़ी है. फसलों को नुकसान के कारण किसान लगातार परेशान रहे हैं.  किसान आंदोलन के प्रभाव वाले जिलों में लखीमपुर खीरी के अलावा पीलीभीत जिले की सभी चार सीटें बीजेपी के पास है, जबकि सीतापुर जिले की 9 में से 7 सीटें बीजेपी के पास हैं. कोरोना के दौर में सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ क्षेत्र भी राजधानी लखनऊ ही था जहां ऑक्सीजन की कमी से लगातार मौतें हुई थी. सिलेंडर, रेमडेसिवीर और अस्पतालों में बेड के लिए लोग तरस गये थे. ऐसे में देखना होगा कि इन मुद्दों का मतदान में कितना असर दिखता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×