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‘तमंचे वाले विधायक’ की BJP में फिर हुई वापसी,भारी पड़ सकता है दांव

बीजेपी विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन को पार्टी ने किया था सस्पेंड

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उत्तराखंड बीजेपी ने आखिरकार वो फैसला ले लिया, जिसका पिछले कई दिनों से कयास लगाया जा रहा था. उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के खानपुर से विधायक कुंवर प्रणब सिंह चैम्पियन की एक बार फिर पार्टी में वापसी हो चुकी है. बीजेपी ने उनका निलंबन वापस ले लिया है. जिसे उत्तराखंड बीजेपी के लिए आत्मघाती माना जा रहा है. चैंपियन हमेशा विवादों में रहे हैं. उनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं. वहीं पिछले साल उनका हथियारों के साथ एक वीडियो भी वायरल हुआ था.

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उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही ये खबर भी तेजी से फैलने लगी कि चैंपियन की बीजेपी में वापसी पक्की है. लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना था कि बीजेपी चुनाव से डेढ़ साल पहले ऐसा फैसला कतई नहीं लेगी.

हालांकि अब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बंसीधर भगत ने आधिकारिक तौर पर ये ऐलान किया है कि विधायक कुंवर प्रणब सिंह ने अपनी हरकतों के लिए माफी मांग ली है, इसीलिए अब पार्टी उनका सस्पेंशन वापस लेती है और पार्टी में एक बार फिर स्वागत करती है. इसके अलावा कुंवर प्रणब सिंह ने भी खुद देवभूमि उत्तराखंड के लोगों से माफी मांगी.

पार्टी में नाराजगी

पार्टी में विवादों में रहने वाले विधायक की वापसी को लेकर पहले ही विरोधी स्वर उठ रहे थे. बताया जा रहा था कि राज्यसभा सांसद और बीजेपी के बड़े नेता अनिल बलूनी ऐसे विधायक की पार्टी में वापसी को लेकर नाराज हैं. इसके लिए वो केंद्रीय नेतृत्व से भी बात करने वाले थे. लेकिन इसी बीच कुंवर प्रणब सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत से मुलाकात की. जिसके बाद ये कयास तेज हो गए कि बीजेपी एक बार फिर विवादों में रहने वाले विधायक को अपनाने जा रही है.

लेकिन अब चैंपियन की वापसी के बाद पार्टी के कुछ नेता नाराज भी बताए जा रहे हैं. आने वाले कुछ दिनों में विधायक के खिलाफ आवाजें उठ सकती हैं. बता दें कि चैंपियन को पार्टी ने 6 साल के लिए सस्पेंड किया था. सांसद अनिल बलूनी की शिकायत पर ही विधायक को सस्पेंड किया गया था.
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आत्मघाती साबित हो सकता है फैसला

उत्तराखंड में काम कर रहे पत्रकारों और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी में चैंपियन कुंवर प्रणब सिंह की वापसी भले ही एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रही हो, लेकिन चुनाव से डेढ़ साल पहले लिया गया ये फैसला बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है. क्योंकि अब कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड चुनावों में कूद चुकी है. आम आदमी पार्टी अगर किसी भी विवादित नेता को अपने धड़े में शामिल नहीं करती है तो ऐसे में उसके लिए बीजेपी पर हमला बोलने का ये एक आसान तरीका हो सकता है. AAP ऐसा दिल्ली और अन्य प्रदेशों में भी करती आई है, दागी नेताओं से पार्टी हमेशा खुद को दूर बताती आई है. ऐसे में विवादित विधायक की बीजेपी में वापसी पर विपक्षी दल किस तरह घेराबंदी करते हैं, ये देखना अभी बाकी है.

विवादों से रहा है लंबा नाता

कुंवर प्रणब सिंह का विवादों से लंबा नाता रहा है. उन पर आरोप लगा था कि साल 2006 में उन्होंने रोडवेज बस ड्राइवर पर इसलिए फायरिंग कर दी थी, क्योंकि वो उन्हें साइड नहीं दे रहा था. इसके अलावा डिनर पार्टी में, शादी समारोह में गोली चलाने को लेकर कई बार विधायक विवादों में रहे हैं. उनका ताजा वीडियो पिछले साल सामने आया था. जिसमें वो दोनों हाथों और अपने मुंह में तमंचे लिए जमकर ठुमके लगाते दिख रहे हैं. इसके साथ ही वो शराब का ग्लास भी हाथ में लिए नाच रहे थे.

इस वीडियो से ठीक पहले विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन का एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें वो एक पत्रकार को खुलेआम धमकी देते हुए दिख रहे थे. इस वीडियो के वायरल होने के बाद उत्तराखंड बीजेपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था. उन पर पार्टी ने अनुशासनहीनता के तहत ये कार्रवाई की थी. लेकिन फिर हथियारों के साथ वीडियो सामने आने के बाद उनका सस्पेंशन बढ़ा दिया गया था.

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