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उत्तराखंड CM का 'कुतर्क'- चारधाम यात्रा के लाइव प्रसारण का वेदों में नहीं जिक्र

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा के लाइव प्रसारण के दिए थे निर्देश

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उत्तराखंड में भले ही बीजेपी चुनाव से पहले लगातार मुख्यमंत्री बदलने का दाव चल रही हो, लेकिन हर बार नया मुख्यमंत्री कुछ ऐसा बयान देता है, जिससे पूरी पार्टी की फजीहत हो जाती है. अब पिछले 4 महीने में दो मुख्यमंत्रियों के बाद तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने चारधाम यात्रा को लेकर ऐसा बयान दिया है, जो फिलहाल किसी की भी समझ से परे है. सीएम धामी ने कहा है कि वो चारधाम यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग इसलिए नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ऐसा वेदों में नहीं लिखा गया है.

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कुतर्क पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

दरअसल कुंभ मेले की तरह चारधाम यात्रा को लेकर भी उत्तराखंड सरकार का रुख इस यात्रा को शुरू करने का रहा है. यानी लोगों की धार्मिक भावनाओं के लिए एक बार फिर कोरोना के खतरे को दरकिनार करने की कोशिश की गई, लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पहले ही चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दे दिया. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार को चारधाम यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग करनी चाहिए. जिससे श्रद्धालु दर्शन कर सकें.

लेकिन उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ऐसा करने के पक्ष में नहीं थी. हाईकोर्ट में भी सरकार की तरफ से शास्त्रों का तर्क दिया गया. जिस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत में कानून का शासन चलता है शास्त्रों का नहीं. हाईकोर्ट ने सरकार के इन तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन उत्तराखंड सरकार इस मामले पर झुकने के लिए तैयार नहीं है. अब खुद सीएम धामी ने ये कहा है कि कहीं भी लाइव प्रसारण नहीं किया जाता है और ऐसा तो वेदों में भी नहीं लिखा है.

धामी सरकार को धार्मिक आयोजनों का सहारा

बता दें कि पुष्कर सिंह धामी के सामने भी वही चुनौती है, जो पिछले सीएम तीरथ सिंह रावत के सामने थी. तीरथ सिंह रावत के पास भी ज्यादा वक्त नहीं था, इसीलिए उन्होंने कुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन के जरिए लोगों के दिलों तक पहुंचने की कोशिश की, जो बुरी तरह फेल हो गई.

इसके बाद जब उन्हें हटाकर बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को कुर्सी थमाई तो वो भी इसी रास्ते पर चलते हुए नजर आए. धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर भी कहा था कि भगवान नहीं चाहेंगे कि किसी की मौत हो. यानी वो यात्रा के पक्ष में थे, लेकिन आखिरकार कांवड़ यात्रा को रद्द करना पड़ा.
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अब चारधाम यात्रा को लेकर सरकार उत्तराखंड की जनता को ये बताने की कोशिश कर रही है कि वो उनकी भावनाओं के साथ है. कोरोनाकाल के बीच सरकार यात्रा में लोगों के शामिल होने के पक्ष में खड़ी है. साथ ही बार-बार लाइव स्ट्रीमिंग नहीं करवाने को लेकर कुतर्क दे रही है. अब फिलहाल हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होनी है, जिसमें एक बार फिर सरकार को कड़ी फटकार लग सकती है.

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