उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा का चुनाव है. 632 उम्मीदवार के लिए 70 सीटों पर एक ही दिन मतदान होना है. मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की भी एंट्री हुई है, जो कुछ सीटों पर खेल बिगाड़ सकती हैं. समझते हैं कि पिछले दो बार के विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या रहे और अबकी बार के उम्मीदवारों का रिपोर्ट कार्ड क्या है?
13 जिले-हरिद्वार में सबसे ज्यादा 11 विधानसभा सीट
उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं. सबसे ज्यादा विधानसभा सीट हरिद्वार में है. अल्मोड़ा में 6, बागेश्वर में 2, चमोली में 3, चंपावत में 2, देहरादून में 10, हरिद्वार में 11, नैनीताल में 6 , पौड़ी गढ़वाल में 6, पिथौरागढ़ में 4, रुद्रप्रयाग में 2, टिहरी गढ़वाल में 6, उधम सिंह नगर में 9 और उत्तरकाशी में 3 विधानसभा सीटें हैं.
उत्तराखंड में 15 साल के चुनावों के नतीजे देखें तो साल 2007 से लेकर 2019 तक कांग्रेस को औसत 30 से 33% वोट मिले हैं. चाहे वह सत्ता में आई हो या नहीं. साल 2007 में कांग्रेस को लगभग 30%, 2009 में 43%, 2012 में 33.8%, 2017 में 33.8%, 2019 में 31.7% वोट मिले. वहीं बीजेपी को साल 2007 में 31%, 2009 में 33%, 2012 में 33.1%, 2017 में 47% और 2019 में 61% वोट मिले.
उत्तराखंड: 2012 में BJP-कांग्रेस में थी कांटे की टक्कर
उत्तराखंड में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर थी. बीजेपी ने उधम सिंह नगर की 7, हरिद्वार से 5, देहरादून से 5 सीट सहित कुल 31 (33.1%) सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने देहरादून से 5, हरिद्वार से 3, पिथौरागढ़ से 3 सीटों सहित कुल 32 (33.8%) सीट जीती. 3 बीएसपी और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.
2017 में पिछली बार जितने वोट, लेकिन घट गई 21 सीट
उत्तराखंड में 2017 के चुनाव में BJP ने 47% वोटों के साथ 57 सीटों पर कब्जा किया, जिसमें हरिद्वार की 8, देहरादून की 9, उधम सिंह नगर की 8 सीट शामिल है. कांग्रेस 33.8% वोटो के साथ 11 सीट ही जीत सकी, जिसमें हरिद्वार से 3, अल्मोड़ा से 2 सीट शामिल है. यानी 5 साल बाद कांग्रेस को 2012 जितना ही वोट मिला, लेकिन 21 सीट हाथ से चली गई.
हर चौथी सीट पर 3 से ज्यादा उम्मीदवार दागी
उत्तराखंड चुनाव में 626 में से 107 (17%) दागी उम्मीदवार हैं. साल 2017 में 14% दागी उम्मीदवार थे. INC के 70 में से 23(33%), BJP के 13(19%), AAP के 69 में से 15(22%), BSP के 54 में से 10(19%) और UKD के 42 में से 7(17%) उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. 70 विधानसभा सीटों में से 13(19%) सीट ऐसी है जहां पर 3 या उससे अधिक उम्मीदवार दागी हैं.
उत्तराखंड चुनाव में हर दूसरा उम्मीदवार करोड़पति
उत्तराखंड चुनाव में 626 में से 252 (40%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. साल 2017 की बात करें तो उनकी संख्या कम थी. पिछली बार 31% उम्मीदवार करोड़पति थे. उत्तराखंड चुनाव 2022 में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.74 करोड़ रुपए है. साल 2017 में ये रकम 1.57 करोड़ रुपए थी.
उत्तराखंड: अंतरिक्ष सैनी के पास सबसे ज्यादा संपत्ति
उत्तराखंड चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे ऊपर कांग्रेस के अंतरिक्ष सैनी हैं. उनकी 123 करोड़ की संपत्ति है. दूसरे नंबर पर बीजेपी के सतपाल महाराज हैं. कुल 87 करोड़ रुपए की संपत्ति है. तीसरे नंबर पर यूकेडी के मोहन काला है. 82 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
उत्तराखंड चुनाव में 62(10%) महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. साल 2017 में इनकी संख्या 56 थी.
साल 2017 में बंपर जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को सीएम पद की शपथ ली. आंतरिक उथल-पुथल और बीजेपी विधायकों में खुद के खिलाफ बढ़ते दबाव के बीच उन्होंने 9 मार्च 2021 को इस्तीफा दे दिया. फिर तीरथ सिंह रावत सीएम बने. लेकिन 2 जुलाई 2021 को उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया. फिर पुष्कर सिंह धामी ने पदभार संभाला. उनका कार्यकाल 23 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है.
14 फरवरी को पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान है. कांग्रेस और बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में है. उन्होंने अजय कोठियाल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है. ऐसे में मुकाबला और भी रोचक हो गया है. देखना होगा कि 14 फरवरी को 81 लाख वोटर किसे देवभूमि का नया उत्तराधिकारी चुनते हैं.
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