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VP Election:जगदीप धनखड़ या मार्गरेट अल्वा, किसके साथ कौन सा दल- जानें नंबर गेम

Vice President election Number Game: 6 अगस्त को होगा उप-राष्ट्रपति का चुनाव, उसी दिन आएंगे नतीजे

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द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अब देश में अगले उप-राष्ट्रपति के चुनाव की सरगर्मी तेज हैं. जहां एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के रूप में बंगाल के पूर्व गवर्नर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को मैदान में उतारा है वहीं विपक्ष ने पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) पर बाजी खेली है. चुनाव की प्रक्रिया और नतीजे दोनों 6 अगस्त को आने हैं.

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आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बुधवार, 3 अगस्त को मार्गरेट अल्वा के समर्थन की घोषणा की जिससे विपक्षी खेमे को बल मिला है. इसके बावजूद नंबर गेम अभी भी उनके पाले से बहुत दूर है.

आइये यहां जानते हैं राष्ट्रपति चुनाव की तरह ही NDA उम्मीदवार के पक्ष में एकतरफा दिख रहे चुनाव में किस पार्टी ने किस उम्मीदवार के लिए अपना समर्थन जताया है और नंबर किसके पाले में कितने हैं.

 जगदीप धनखड़: उप-राष्ट्रपति पद की आसान दिख रही राह

मालूम हो कि सदन के नॉमिनेटेड सदस्यों सहित लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालते हैं. इस समय लोकसभा में कुल 543 सांसद और राज्यसभा में 237 सांसद हैं, जिनमें आठ सीट खाली हैं. इसमें तीन नॉमिनेटेड सदस्य और जम्मू-कश्मीर के वे सांसद भी शामिल हैं, जिनकी विधानसभा नहीं है.

चुनाव में अगर नंबर गेम की बात करें तो NDA उम्मीदवार धनखड़ के पक्ष में आसानी से दो-तिहाई वोट दिख रहे हैं, क्योंकि लोकसभा में अकेले बीजेपी के 303 सांसद हैं और राज्यसभा में यह संख्या 91 है.

जनता दल (यूनाइटेड), YSR कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (BSP), AIADMK और शिवसेना जैसे कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने पहले ही जगदीप धनखड़ के समर्थन की घोषणा की है, जिससे NDA के इस उम्मीदवार को 515 से अधिक वोट मिलने की संभावना है, जो एक आराम जीत के लिए पर्याप्त है.

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मार्गरेट अल्वा: आग का दरिया है और जीत बहुत दूर

दूसरी तरफ उप-राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के लिए चुनावी रेस मुश्किल दिख रही. अल्वा को अब तक समर्थन करने वाली पार्टियों के हिसाब से केवल 190-200 वोट मिलने की संभावना है.

मालूम हो कि लोकसभा में 23 और राज्यसभा में 16 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का फैसला किया है. TMC ने यह आरोप लगाया है कि मार्गरेट अल्वा को विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में फाइनल करने से पहले उसकी सलाह नहीं ली गयी.

इसके अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति (TDS) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) जैसी कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं और वे जल्द ही कोई फैसला ले सकते हैं.

दिल्ली और पंजाब की सत्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी और झारखंड में सत्ताधारी पार्टी JMM ने बुधवार को अल्वा को अपने समर्थन की घोषणा की थी. बता दें कि AAP के राज्यसभा में 10 सांसद हैं, लेकिन भगवंत मान के पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के लिए इस्तीफा देने के बाद लोकसभा में उसका कोई सांसद मौजूद नहीं है. इसके अलावा संसद में JMM के कुल तीन सांसद हैं- दो राज्यसभा में और एक लोकसभा में.

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जहां धनखड़ उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले अलग-अलग पार्टी के सांसदों से मिलते रहे हैं, अल्वा ने संसद के सभी सदस्यों को पत्र लिखकर कहा है कि अगर वह चुनी जाती हैं, तो वह पार्टियों के बीच ब्रिज बनाने, राष्ट्रीय मुद्दों पर आम सहमति बनाने और संसद की गरिमा को बहाल करने में मदद करने के लिए काम करेंगी.

मीडिया से बात करते हुए मार्गरेट अल्वा ने कहा कि आगामी VP चुनाव कोई सांकेतिक लड़ाई नहीं है और कई चीजें हो सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव का समय है.

"मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ एक सांकेतिक लड़ाई है और बहुत कुछ हो सकता है. मैं 20 पार्टियों की ओर से लड़ रही हूं. हम एक स्टेटमेंट दे रहे हैं कि संसद में चीजें ठीक नहीं हैं और हम मानते हैं कि यह बदलाव का समय है"

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