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मध्यप्रदेश: फिर ताजा हुई 'व्यापम' की यादें, केके मिश्रा पर FIR से गरमाई राजनीति

व्यापम घोटाले से जुड़े करीब 46 लोगों की मौत हो चुकी है.

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भले ही व्यापम का दो बार नाम बदल दिया गया हो लेकिन व्यापम (Vyapam Scam) पर लगे आरोपों के दाग धुलने का नाम नहीं ले रहे हैं. आए दिन व्यापम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. वहीं अब तो बड़े प्रशासनिक अधिकारी भी अपने अधीनस्थों की गड़बड़ी पर उनको व्यापम से फर्जी तरीके से नौकरी पाने का ताना मारने लगे हैं.

दूसरी तरफ व्यापम या एमपीईबी या कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा पर सवाल उठाने वालों पर एफआईआर भी होने लगी है. हम आपको सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं मौजूदा हालात में व्यापम को लेकर किस-किस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.

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काम मे गड़बड़ी होने पर कलेक्टर ने इंजीनीयर को मारा ताना, व्यापम फर्जीवाड़े से नौकरी पाने का आरोप

शाजापुर कलेक्टर दिनेश जैन ने निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर इंजीनियर और प्रोजेक्ट मैनेजर को जमकर डांटा. पूछा कि क्या व्यापम में फर्जीवाड़ा करके नौकरी पाई है.

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का लड़कियों ने किया घेराव 

रविवार को सैकड़ों लड़कियों ने मुरैना पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का घेराव किया. लड़कियों ने पुलिस भर्ती परीक्षा पर सवाल उठाते हुए भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाए. लड़कियों का आरोप है कि कम अंक आने वाली लड़कियों का चयन हुआ है, जबकि उनसे अधिक नम्बर लाने वाली फेल हो गईं.

लड़कियों ने जम कर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और चेतावनी दी कि अगर न्याय नही मिला तो सड़क जाम करेंगी. केंद्रीय मंत्री ने उचित जांच का आश्वासन दिया है.

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा और आनंद राय पर FIR

शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने CM के OSD लक्ष्मण सिंह को आरोपी बताया था. इसके बाद CM के OSD लक्ष्मण सिंह की शिकायत पर FIR दर्ज हुई है. केके मिश्रा पर ईमानदार अधिकारी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है. केके मिश्रा और अन्य के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं में भी मामला दर्ज हुआ है. लक्ष्मण सिंह मरकाम CM हाउस में उपसचिव के पद पर हैं.

केके मिश्रा और आनंद राय के समर्थन में उतरी कांग्रेस

कांग्रेस की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा 'मध्यप्रदेश में उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' यह कहावत चरितार्थ हो रही है.

शिक्षा वर्ग 3 का पेपर लीक होता है और एफआईआर दर्ज होती है केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ. मुझे सरकार से उम्मीद थी कि जिन्होंने गड़बड़ी कर लाखों युवाओं का भविष्य चौपट किया उन पर एफआईआर होगी, मगर भ्रष्टाचारियों को तो सरकार का संरक्षण है, इसलिए सरकार व्यापम घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर एफआईआर करवा रहीं है. सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे ना कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ. आखिर सबको पता चलना चाहिए लक्ष्मण सिंह कौन है ?
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कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा पर एफआईआर होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेते हुए केके मिश्रा पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की है.

कमलनाथ ने ट्वीट में लिखा "मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार व्यापम पार्ट 2 घोटाले की ओर बढ़ रही है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी पर गंभीर सवाल उठाए. अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. चोरी और सीनाजोरी करते हुए मिश्रा के खिलाफ उल्टी रिपोर्ट कर दी गई. मुख्यमंत्री को तत्काल मिश्रा के ऊपर लगाए गए झूठे मामले वापस लेने चाहिए और दोषी अधिकारी को निलंबित कर मामले की पूरी जांच करानी चाहिए. आपने व्यापम का नाम बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है. आप मध्य प्रदेश को घोटाला मुक्त प्रदेश कब बनाएंगे?"

आनंद राय का जवाब 

आनंद राय के ऊपर भी FIR दर्ज किया गया है. इसपर अपने ट्ववीटर अकाउंट से जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि,

भ्र्ष्टाचार को पब्लिक प्लेटफार्म पर रखना, CBI जांच की मांग करना दलित उत्पीड़न कैसे हो गया,यह सीधे सीधे Misuse of office के तहत भ्र्ष्टाचार का मामला है, प्रतिनियुक्ति पर आए लक्ष्मण मरकाम अपने रसूख का इस्तेमाल कर घोटाले को दबाने के लिए Atrocity Act का दुरुपयोग कर रहे है
आनंंद राय
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ईमानदार अधिकारी पर आरोप लगाया- नरोत्तम मिश्रा

केके मिश्रा पर हुई FIR पर बोले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन पर FIR हुई है. उन्होंने एक योग्य ईमानदार अधिकारी पर आरोप लगाया था. वही परीक्षा कि जांच करवाने के सवाल पर बोले कि अभी तक उन्होंने ऐसा कोई कागज नहीं दिया है. हमारी सरकार ने ही तो हमेशा जांच करवाई है. कांग्रेस को हमेशा मुंह की खानी पड़ी है. केके मिश्रा ने इसपर कहा है कि,

"मैनें कल भी कहा था,आज भी कह रहा हूँ कि शिक्षक परीक्षा वर्ग-3 जो ऑनलाइन परीक्षा थी,मोबाइल पूर्णतः वर्जित थे तो 35 पेज का प्रश्नपत्र व आंसरशीट CM के OSD के मोबाइल में कैसे पहुंची? क्या यह किसी जाति का अपमान है? यदि OSD ईमानदार है तो अपने मोबाइल की फोरेंसिक जांच करवाएं."
केके मिश्रा,कांग्रेस प्रवक्ता
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क्या है व्यापम और व्यापम घोटाला?

सरकारी विभागों में कर्मचारियों की नियुक्तियों के लिए हर राज्य में एक तरह के बोर्ड का गठन किया गया है. इसी तरह मध्य प्रदेश में सरकारी सेवा के लिये व्यापम नाम के बोर्ड की स्थापना की गयी. यह बोर्ड पेशेवर पाठ्यक्रमों जैसे मेडिकल में प्रवेश के लिये परीक्षाएं आयोजित कराने के अलावा राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिये भी परीक्षाएं कराता है. यूं तो व्यापम द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में धांधली का मामला पहले से उठता रहा, लेकिन वर्ष 2008 से 2013 के बीच इसमें धांधली अपने चरम पर पहुंची और जनता को अपनी ओर आकर्षित करने लगी.

वर्ष 2009 में इंदौर के चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ता आनंद राय ने व्यापम में धांधली का रहस्योद्घाटन किया. उन्होंने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में इन घांधलियों का जिक्र करते हुए एक जनहित याचिका दायर की. माना जा रहा है कि व्यापम घोटालों में ऊंचे-ऊंचे पदों पर आसीन अधिकारियों के अलावा विभिन्न पार्टियों के नेताओं, मंत्रियों और उनके सगे-संबंधियों लिप्त रहे हैं.
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अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए व्यापमं परीक्षाओं में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, नेताओं और मंत्रियों ने पैसे लेकर छात्रों को मेडिकल, इंजीनियरिंग की सीट दिलायी. इसके अलावा मध्यप्रदेश की पुलिस सेवा और अन्य नौकरियों का पैसे लेकर बंदरबांट हुआ. धांधली में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसों का भुगतान करने वाले छात्रों और अपने रिश्तेदारों को पास कराने के लिये मुफीद जगह पर उन्हें सीट दिलायी. वहीं कुछ की खाली कॉपियों को बाद में रंगा गया. कुछ के नाम सीधे परीक्षाफल में जोड़ दिये गये.

व्यापमं घोटाले के अंतर्गत शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनियमितता के आरोप में पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी ओ पी शुक्ला और सहायक सुधीर शर्मा को हिरासत में लिया गया.

सब इंस्पेक्टर की बहाली में राज्य में तैनात भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आरके शिवहरे को हिरासत में ले लिया गया. वही अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापम घोटाले से जुड़े करीब 46 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें जांच से जुड़े लोगों के अलावा गवाहों, छात्रों, प्रशिक्षु इंस्पेक्टर, कॉलेज के डीन और इस खबर की तह तक जाने का प्रयास करते पत्रकार की जानें चली गयी है.

इनपुट - इजहार हसन खान

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