कांग्रेस से बागी रुख अपना चुके G-23 गुट के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने एकबार फिर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में सवाल पूछने की इजाजत थी, लेकिन आज के दौर में पार्टी लीडरशिप आलोचना सुनने को तैयार नहीं है.
''आलोचना से नाराज हो जाती है लीडरशिप''
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''कोई भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है, लेकिन इंदिरा और राजीव ने मुझे जब चीजें गलत हों तो सवाल उठाने की छूट दे रखी थी. उन्हें आलोचना से दिक्कत नहीं होती थी, वे इससे नाराज नहीं होते थे. लेकिन आज का पार्टी नेतृत्व आलोचना से नाराज हो जाता है.''
इंदिरा गांधी ने मुझे राजीव गांधी तक को 'ना' करने की छूट दे रखी थी. उन्होंने राजीव को कहा था कि मेरी 'ना' का मतलब ये नहीं है कि यह किसी तरह का अपमान है, बल्कि यह पार्टी की बेहतरी के लिए है.NDTV से बातचीत में गुलाम नबी आजाद
नई पार्टी बनाएंगे आजाद?
आजाद के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने की अटकलें लग रही हैं. हालांकि उन्होंने नई पार्टी बनाने की खबरों से इनकार किया है, हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति में आग क्या कुछ हो किसी को पता नहीं.
उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें इसलिए भी तेज हैं क्योंकि आजाद आजकल जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. वहां वे लगातार लोगों से मिल रहे हैं. हाल ही में उनके 20 करीबियों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है.
पार्टी छोड़ने की अटकलों से इनकार करते हुए आजाद ने कहा, ''अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले 2 सालों से जनता और नेताओं में संबंध टूट सा गया है, इसलिए मै राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की कोशिश रहा हूं.''
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