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योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार यूपी सीएम पद की शपथ ली, ये रही मंत्रियों की लिस्ट

योगी की नई कैबिनेट में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन और सतीश महाना के नाम नहीं हैं.

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योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Cabinet List) ने शुक्रवार, 25 मार्च को लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. योगी आदित्यनाथ सरकार की नयी कैबिनेट में किनको मिली जगह? यहां जानें:

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डिप्टी सीएम

केशव प्रसाद मौर्य - केशव प्रसाद मौर्य एमएलसी हैं और सिराथू सीट से चुनाव हारे हैं. मौर्य समाज से आते हैं केशव प्रसाद मौर्य.

ब्रजेश पाठक- लखनऊ कैंट से विधायक हैं और पिछली योगी सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं. 1 बार लोकसभा पहुंचे हैं तो 1 बार राज्यसभा. ब्राह्मण समाज से आते हैं. अवध क्षेत्र में बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. बीजेपी से पहले कांग्रेस और बसपा में भी रह चुके हैं. दबंग व्यक्तित्व माना जाता है.

कैबिनेट मंत्री 

सुरेश कुमार खन्ना : शहजहांपुर से विधायक हैं और पिछली सरकार में वित्त, संसदीय कार्य मंत्री रहे. 9 बार के विधायक रहे सुरेश कुमार खन्ना खत्री समाज से आते हैं.1989 से लगातार विधायक हैं ये.

सूर्य प्रताप शाही: पथरदेवा से विधायक हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. पिछली योगी सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं.कल्याण सरकार में मंत्री रहे हैं और भूमिहार समाज से आते हैं.

स्वतंत्र देव सिंह एमएलसी हैं और यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पिछली योगी सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं. 2019 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे और कर्मी समाज से आते हैं.

बेबी रानी मौर्य

योगी की नई कैबिनेट में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन और सतीश महाना के नाम नहीं हैं.

बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण से विधायक चुनी गयी हैं. 5 साल आगरा की मेयर रहीं और जाटव समाज से आती हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उत्तराखंड की राज्यपाल रही हैं.

लक्ष्मी नारायण चौधरी

लक्ष्मी नारायण चौधरी मथुरा की छाता सीट से 5 बार के विधायक हैं. पिछली यूपी सरकार में पशुधन मंत्री रहे. लक्ष्मी नारायण चौधरी यूपी की 3 सरकारों में मंत्री रहे हैं और जाट समाज से आते हैं.

जयवीर सिंह

मैनपुरी सदर से विधायक हैं. जयवीर सिंह तीसरी बार विधायक बने हैं. खास बात है कि मायावती-मुलायम सरकार में मंत्री रहे हैं और राजपूत जाति के बड़े नेता माने जाते हैं.

धर्मपाल सिंह

धर्मपाल सिंह बरेली के आंवला से विधायक हैं. कल्याण- राजनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. योगी 1 में भी मंत्री बने थे. लोध समाज से आते हैं और कुल 5 बार विधायक रह चुके हैं.

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नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी

नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी प्रयागराज दक्षिण सीट से विधायक हैं. बड़े व्यापारी के तौर पर इनकी पहचान है. तीसरी बार विधायक बने हैं. पिछली योगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. इनकी पत्नी प्रयागराज की मेयर हैं.

भूपेंद्र सिंह चौधरी

भूपेंद्र सिंह चौधरी बीजेपी से एमएलसी हैं और जाट बिरादरी से आते हैं. पिछली योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री रहे. 3 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं और बीजेपी के संगठन में काम कर चुके हैं.

अनिल राजभर: वाराणसी के शिवपुरी से विधायक हैं और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रहे हैं. दूसरी बार विधायक बने हैं और राजभर समाज के नेता हैं. ओपी राजभर के बेटे को हराया है इस बार.

जितिन प्रसाद

योगी की नई कैबिनेट में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन और सतीश महाना के नाम नहीं हैं.

जितिन प्रसाद बीजेपी MLC हैं और ब्राह्मण समाज के बड़े नेता हैं.कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे. जितिन प्रसाद केंद्र में राज्यमंत्री रह चुके हैं और पिछली योगी सरकार में भी मंत्री थे.

राकेश सचान

कानपुर के भोगनीपुर से विधायक हैं और एसपी के बड़े नेता रहे हैं. चुनाव से पहले ही बीजेपी में शामिल हुए. राकेश सचान कानपुर से सांसद भी रहे हैं और 3 बार विधायक रह चुके हैं. कुर्मी समाज से आते हैं.

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अरविंद कुमार शर्मा

योगी की नई कैबिनेट में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन और सतीश महाना के नाम नहीं हैं.

अरविंद कुमार शर्मा बीजेपी एमएलसी और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.अरविंद कुमार शर्मा पूर्व आईएएस अधिकारी भी हैं और पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. ब्राह्मण समाज से संबंध रखते हैं.

योगेन्द्र उपाध्याय

कैबिनेट लिस्ट में योगेन्द्र उपाध्याय सबसे चौंकाने वाला नाम है. आगरा दक्षिण से विधायक हैं और ब्राह्मण समाज से आते हैं. योगेंद्र उपाध्याय लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. 2012 में पहली बार विधायक बने थे. योगेंद्र उपाध्याय रियल एस्टेट के कारोबारी हैं.

अशीष पटेल

अशीष पटेल अपना दल के अध्यक्ष हैं और एमएलसी हैं. कुर्मी समाज से आते हैं और अनुप्रिया पटेल के पति हैं. अशीष पटेल पिछले 2 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं.

संजय निषाद

योगी की नई कैबिनेट में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन और सतीश महाना के नाम नहीं हैं.

संजय निषाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष हैं. इनके बेटे प्रवीण निषाद बीजेपी से सांसद हैं. संजय निषाद यूपी विधान परिषद सदस्य हैं. इस बार चुनाव में जीतकर निषाद पार्टी से 6 विधायक बने हैं.

राज्य मंत्री 

नितिन अग्रवाल: हरदोई से विधायक हैं और एसपी के बड़े नेता रहे नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. अखिलेश सरकार में मंत्री रहे थे और वैश्य समाज से आते हैं.

कपिल देव अग्रवाल: मुजफ्फरनगर से विधायक हैं. वैश्य समाज से आते हैं 3 बार के विधायक भी.

रवीन्द्र जायसवाल: रवीन्द्र जायसवाल वाराणसी उत्तर से विधायक हैं. 2012 में पहली बार विधायक बने थे. वैश्य समाज से आते हैं.

संदीप सिंह: अतरौली से विधायक चुने गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह के पोते हैं और बीजेपी सांसद राजवीर सिंह के बेटे हैं. संदीप सिंह लोधी समाज से आते हैं.

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गुलाब देवी संभल के चंदौसी से विधायिका हैं. यूपी में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहीं हैं और 5 बार की विधायक हैं. गुलाब देवी धोबी समाज से आती हैं.

गिरीश चंद्र यादव

गिरीश चंद्र यादव जौनपुर से विधायक हैं और लगातार 2 बार विधायक चुने गए हैं. 2017 में पहली बार विधायक बने थे.

धर्मवीर प्रजापति

धर्मवीर प्रजापति बीजेपी एमएलसी हैं और पिछली योगी सरकार में भी मंत्री थे. प्रजापति (OBC) समाज से आते हैं.

असीम अरुण

असीम अरुण कन्नौज से विधायक बने हैं और पहली बार विधायक बने हैं. असीम अरुण के पिता यूपी के डीजीपी रहे हैं. असीम अरुण जाटव समाज से आते हैं.

दयाशंकर सिंह

दयाशंकर सिंह बलिया से विधायक हैं. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं और इनकी पत्नी स्वाति सिंह मंत्री रहीं हैं. दयाशंकर सिंह पहली बार विधायक बने हैं.

नरेन्द्र कश्यप

नरेन्द्र कश्यप अभी सदन के सदस्य नहीं हैं. यानी इन्हें 6 महीने के अंदर एमएलसी बनना होगा. नरेंद्र कश्यप यूपी बीजेपी OBC मोर्च के अध्यक्ष हैं.

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दिनेश प्रताप सिंह

दिनेश प्रताप सिंह अभी बीजेपी एमएलसी हैं. रायबरेली के बड़े नेता हैं और कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं.

अरुण कुमार सक्सेना

अरुण कुमार सक्सेना बरेली से विधायक हैं. कायस्थ समाज से आते हैं और संतोष गंगवार के करीबी माने जाते हैं.

दयाशंकर मिश्र दयालु

दयाशंकर मिश्र दयालु अभी सदन के सदस्य नहीं। यानी इनको भी अगले 6 महीने के अंदर सदन में आना पड़ेगा. दयाशंकर मिश्र दयालु पूर्वांचल के बड़े नेता हैं और ब्राह्मण समाज से आते हैं.

मयंकेश्वर सिंह

मयंकेश्वर सिंह अमेठी की तिलोई से विधायक हैं और एक नहीं 4 बार से विधायक हैं. तिलोई राजघराने के उत्तराधिकारी हैं मयंकेश्वर सिंह. क्षत्रिय समाज से आते हैं और समजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं.

दिनेश खटीक

दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक हैं और लगातार दूसरी बार से विधायक बने हैं. खटीक समाज से आते हैं और 2017 में पहली बार विधायक. इनका नाम पश्चिमी यूपी के उभरते नेताओं में शामिल है.

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बलदेव सिंह औलख

बलदेव सिंह औलख बिलासपुर से विधायकहैं और सिख समाज से आते हैं. पिछले 2 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं बलदेव सिंह औलख.

संजीव गौड़

संजीव गौड़ सोनभद्र की ओबरा सीट से विधायक हैं और एससी-एसटी कल्याण राज्यमंत्री रहे हैं. 2 बार से विधायकी का चुनाव जीत रहे हैं और एसटी समाज से आते हैं.

जसवंत सैनी

जसवंत सैनी अभी सदन के सदस्य नहीं हैं जिसका मतलब है कि मंत्री बने रहने के लिए इन्हे अगले 6 में एमएलसी बनना होगा. यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं और यूपी बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष भी. जशवंत सिंह सहारनपुर जिले के हैं और सैनी समाज से आते हैं.

राकेश राठौर गुरु

राकेश राठौर गुरु सीतापुर से विधायक बने हैं. आज इनको योगी सरकार की कैबिनेट में जगह मिली है लेकिन कभी ये साइकिल पंचर ठीक करते थे.

रजनी तिवारी

रजनी तिवारी हरदोई की शाहाबाद से विधायक हैं. रजनी तिवारी 4 बार विधायक बन चुकी हैं. दलबदल कर बीएसपी से बीजेपी में आई थीं. ब्राह्मण समाज से संबंध रखती हैं और पूर्व विधायक उपेंद्र तिवारी की पत्नी हैं.

विजय लक्ष्मी गौतम

विजय लक्ष्मी गौतम देवरिया की सलेमपुर से विधायक हैं और पहली बार विधायक चुनी गईं हैं.महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष हैं और जाटव समाज से आती हैं. विजय लक्ष्मी गौतम समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में लौटीं हैं.

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