कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा छुपा रही है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि देश में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर 40 लाख लोगों की मौत हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जल्द ही जारी की जाने वाली रिपोर्ट के संभावित आंकड़े एक न्यूज वेबसाइट ने प्रकाशित कर दिए है और राहुल गांधी इन्हीं आंकड़ों के आधार पर यह आरोप लगा रहे हैं.
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया भी इस पर आ गई है. उसने COVID-19 के कारण भारत में हुई मौतों पर बयान जारी करते हुए कहा है, कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मृत्यु दर के आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए जो प्रक्रिया की गई वह त्रुटिपूर्ण थी. उनकी रिपोर्ट देश के विशाल भौगोलिक आकार और जनसंख्या को ध्यान में रखने में विफल रही है. इसलिए इसके आंकड़े विश्वसनीय नहीं कहे जा सकते.
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि न ही मोदी जी सच बोलते हैं और न ही किसी को सच बोलने की अनुमति देते हैं. वे झूठ बोल रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है. मैंने पहले ही कहा था कि कोरोना से पांच लाख लोगों की नहीं बल्कि 40 लाख भारतीय नागरिकों की मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिये.
राहुल गांधी दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की उस अप्रकाशित रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में यह दावा कर रहे हैं, जिसमें कथित रूप से भारत पर आरोप लगाया गया है कि उसने कोरोना के कारण मौत के मामलों का सही आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की शनिवार को जारी रिपोर्ट में WHO के अप्रकाशित आंकड़ों के हवाले से भारत सरकार पर यह आरोप लगाया गया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक WHO इसी महीने कोरोना संक्रमण के कारण दुनिया भर में जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा जारी करेगा. WHO के इस नये आंकड़े में सिर्फ कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के ही नहीं बल्कि संक्रमण के कारण उपचार न मिल पाने के कारण अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों की मौत के मामले भी शामिल किये गये हैं.
कथित रूप से WHO की इस रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या पहले के 60 लाख बढ़ाकर डेढ़ करोड़ हो गयी है. WHO का कहना है कि नये 90 लाख मौत के मामलों में से एक तिहाई मामले भारत के हैं.
WHO ने भारत में कोरोना के कारण मौत के मामलों को 40 लाख बताया है कि जबकि सरकार 5,20,000 कह रही है. WHO ने भारत के अलावा इंडोनेशिया और मिस्र पर भी आंकड़े छुपाने का आरोप लगाए हैं.
केंद्र सरकार ने WHO की इस रिपोर्ट पर अपनी सख्त आपत्ति जतायी है. उसका कहना है कि आंकड़े जमा करने का WHO का तरीका ही गलत है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जो मॉडल कम आबादी वाले देश पर सटीक बैठता हो वह भारत जैसे विस्तृत भूभाग और 1.3 अरब की आबादी वाले देश पर कैसे फिट हो सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह इस मसले पर हमेशा WHO के संपर्क में रहा है और उसने उसे छह आधिकारिक पत्र लिखे हैं.
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