ADVERTISEMENTREMOVE AD

12 घंटे में 4 छात्रों की खुदकुशी से मौत, कोटा में 3, भरतपुर में एक की गई जान

कोटा के तलवंडी इलाके में खुदकुशी करने वाले 2 स्टूडेंट्स एक ही होस्टल के रहने वाले थे.

Updated
न्यूज
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

(अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो उनकी मदद करें और इन लोकल इमरजेंसी सेवाओं, हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ NGO के नंबरों पर कॉल करें.)

राजस्थान कोटा (Kota, Rajasthan) में सोमवार, 12 दिसंबर को 12 घंटे में तीन स्टूडेंट्स और भरतपुर में एक छात्र की खुदकुशी से मौत का मामला सामने आया है. इस खबर के बाद से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है. तीन छात्र कोटा में IIT और NEET की तैयारी कर रहे थे, जबकि भरतपुर का छात्र MBBS की पढ़ाई कर रहा था.

कोटा के तलवंडी इलाके में खुदकुशी से जान गंवाने वाले 2 स्टूडेंट्स एक ही हॉस्टल के रहने वाले थे. वहीं, कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में भी एक कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दो छात्र बिहार और एक मध्यप्रदेश से

मृतक छात्रों में दो बिहार और एक मध्यप्रदेश के रहने वाले थे, जिनकी उम्र 16, 17 और 18 साल थी. बिहार निवासी छात्र अंकुश और उज्जवल एक ही हॉस्टल में रहते थे. इन छात्रों में अंकुश और प्रणव नीट तो वहीं उज्जवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था. पुलिस मामले की जांच कर खुदकुशी के कारणों को पता लगाने में जुटी है. हालांकि प्रथम दृष्टिया मामला पढ़ाई के चलते प्रेशर में आने का बताया जा रहा है.

अंकुश के दोस्त प्रिंस ने बताया कि सोमवार सुबह अंकुश को कई बार फोन किया मगर उसने नहीं उठाया. वो अपने दोस्त के साथ होस्टल पहुंचा जहां अंदर से लॉक लगा हुआ था, खिड़की से देखा तो अंकुश फंदे पर लटका मिला.

इसके बाद हॉस्टल संचालक को इसकी सूचना दी गई. हॉस्टल संचालक की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लॉक तोड़कर देखा तो अंकुश पंखे पर लटका हुआ था. अंकुश 15 दिन पहले ही बिहार से कोटा लौटा था.

0

दोस्तों ने होस्टल संचालक को दी जानकारी

एक और मामले में बिहार निवासी उज्जवल कोटा में IIT की तैयारी कर रहा था. अंकुश के सुसाइड की खबर सुनकर उसकी बहन भी हॉस्टल आई. उसने उज्जवल के रूम का गेट बजाया जब गेट नहीं खुला तो पुलिस ने उज्ज्वल के रूम का लॉक तोड़ा. अंदर देखा तो उज्ज्वल भी फंदे से लटका था. उज्ज्वल की बहन भी कोटा में रहकर कोचिंग कर रही है. वो भी तलवंडी इलाके में हॉस्टल में रहती है.

मध्यप्रदेश के शिवपुरी में रहने वाला प्रणव (17) NEET की तैयारी कर रहा था. पुलिस के अनुसार उसने रविवार शाम को खाना खाया, फिर अपने रूम में चला गया. रविवार रात को एक स्टूडेंट पानी भरने के लिए उठा तो उसने बरामदे में प्रणव को अचेत देखा. होस्टल संचालक और बाकी लोग उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. कमरे से चूहे मारने की दवा मिली है.

कोटा एसपी सिटी केसर सिंह शेखावत ने बताया शहर में इस तरीके की घटनाएं होना बहुत ही दुखद है. तीनों ने सुसाइड कैसे किया? यह जांच का विषय है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भरतपुर में MBBS स्टूडेंट ने खुदकुशी की

इसके अलावा भरतपुर के मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले MBBS स्टूडेंट सुरेंद्र रावत ने भी सोमवार को खुदकुशी कर ली. सुरेंद्र अलवर का रहने वाला था. सुरेंद्र के दोस्तों ने बताया कि अगले साल ही उसका एमबीबीएस कंप्लीट होने वाला था. सुरेंद्र ने साल 2018 में भरतपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था.

वार्डन पीयूष गोस्वामी ने बताया कि सुरेंद्र बॉयज हॉस्टल में था. वह पंखे के कुंदे से शॉल का फंदा बनाकर लटका मिला.

स्टूडेंट्स ने उसे खिड़की तोड़कर फंदे से उतारा. स्टूडेंट्स ने बताया कि जब उसे नीचे उतारा तो उसकी सांसें चल रही थी, लेकिन आरबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे तब उसे मृत घोषित कर दिया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार की कोशिश लेकिन थम रहे खुदकुशी के मामले

राजस्थान में ​प्रतियोगी विद्यार्थियों के आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए आत्महत्या की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के मकसद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे या फिर रह रहे विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गाइडलाइन्स-2022 को स्वीकृति दी है. इस स्वीकृति से कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को एक तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस गाइडलाइन्स के आधार पर सरकार विधानसभा में कानून पारित करने की तैयारी में है.

गाइडलाइन्स में विद्यार्थियों पर प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव और अवसाद के निराकरण के लिए मनोचिकित्सकीय सेवा मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा होस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों की पूर्ण सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य की व्यवस्था की जाएगी.

जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र, छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा केन्द्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्रवाई की व्यवस्था करने की बात कही जा रही है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×