सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन उर्फ अरिवु को रिहा करने का आदेश दिया है. लगभग 32 सालों बाद पेरारिवलन आजाद होगा.
पेरारीवलन पर आरोप लगाया गया था कि उसने लिट्टे के साजिशकर्ता के लिए दो 9-वोल्ट 'गोल्डन पावर' बैटरी सेल खरीदे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की रिहाई की याचिका मंजूर कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य कैबिनेट का फैसला राज्यपाल पर बाध्यकारी है. सभी दोषियों की रिहाई का रास्ता खुला हुआ है.
11 जून 1991 में पेरारिवलन 19 साल का था जब उसे गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से पेरारिवलन ने 15 साल मौत की सजा पर और कुल लगभग 24 साल एकांत कारावास में बिताए हैं.
पेरारीवलन अब तक जमानत पर रिहा था. रिहाई के लिए उसने रिहा करने को लेकर याचिका लगाई थी. 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट ने उसे रिहा करने का फैसला भी ले लिया था, लेकिन राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था, तभी से उसकी रिहाई का मामला लंबित था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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