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आतंकी अब्दुल करीम टुंडा रोहतक बम धमाकों में भी बरी,जज बोले- पर्याप्त सबूत नहीं

Abdul Karim Tunda को 1996 में सोनीपत में हुए बम धमाकों में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है

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रोहतक (Rohtak) में 1997 में हुए दो बम धमाकों के मामले में रोहतक की अदालत ने सुबूतों के अभाव में दाऊद इब्राहिम के करीबी आतंकी अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim alias Tunda) को बरी कर दिया है. 1997 में ओल्ड सब्जी मंडी तथा किला रोड लाल मस्जिद के बाहर बम धमाके हुए थे.

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इन धमकों में सात आठ लोग घायल भी हुए थे. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अब्दुल करीम टुंडा का अपराध साबित नहीं कर पाई. आतंकी अब्दुल करीम टुंडा फिलहाल राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है.

1997 पानीपत में हुए बम ब्लास्ट में अब्दुल करीम टुंडा पहले ही बरी हो चुका है, जबकि 1996 में सोनीपत में हुए बम धमाकों में अब्दुल करीम टुंडा को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है.

रोहतक के पुरानी सब्जी मंडी और किला रोड लाल मस्जिद के पास हुए थे धमाके

हरियाणा के रोहतक में 22 जनवरी 1997 को पुरानी सब्जी मंडी और किला रोड लाल मस्जिद के पास दो बम धमाके हुए थे. जिसमें सात आठ लोग घायल हुए थे. इस मामले में 70 व 71 नंबर एफ आई आर दर्ज की गई थी. 70 नंबर एफआईआर में कुल 42 गवाह थे. जिसमें केस के दौरान 34 गवाह कोर्ट के सामने पेश हुए. वही 71 नंबर एफआईआर में कुल 38 गवाह थे. जिसमें से 18 कोर्ट के सामने पेश हुए थे.

2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार हुए अब्दुल करीम टुंडा को रोहतक पुलिस ने दिल्ली पुलिस से प्रोडक्शन वारंट पर लिया था और तभी से अदालत में इस मामले में सुनवाई चल रही थी.

अब्दुल करीम टुंडा फिलहाल राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है. इसके अलावा सोनीपत शहर में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे. उस दिन शाम 5:15 बजे पहला धमाका बस स्टैंड के पास बावा सिनेमा हॉल में हुआ था. महज इसके 10 मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ था. धमाके में करीब 10 से 12 लोग घायल हुए थे. जिसमे अब्दुल करीम टुंडा को 2017 में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है.

वहीं 1 फरवरी 1997 की शाम पानीपत में लगभग 5 बजे रोडवेज बस स्टेंड के पास एक निजी बस में ब्लास्ट हुआ था. विस्फोट में गांव कालखा निवारी धर्मा के10 वर्षीय पुत्र माडू समेत 20 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. अस्पताल में इलाज के दौरान माडू ने दम तोड़ दिया था. 2016 में पानीपत अदालत इस मामले में अब्दुल करीम टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.

(इनपुट्स - परवेज खान)

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