एक तरफ देश में अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का विरोध है. तो दूसरी तरफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के करीब आधा दर्जन छात्रों ने हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर इस योजना का समर्थन किया है. छात्रों का कहना है कि सरकार की बेरोजगारी दूर करने की इस अग्निपथ स्कीम से हम लोग सहमत हैं. इसके साथ ही AMU के छात्रों ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की भी मांग की है.
'Agnipath' के समर्थन में AMU के कुछ छात्र
AMU छात्र नेता आरिफ खान ने कहा कि "जिस तरीके से मुखालफत हो रही है, हम उसके बिल्कुल फेवर में नहीं हैं और ना ही कभी होंगे. इस योजना को लेकर हमारी अपनी राय है, जिसे हम देश के सामने रखना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में अमन-शांति हो. जिस तरीके से पूरे देश में आगजनी और तोड़फोड़ हुई है, हम उसका विरोध करते हैं."
"आज हम अग्निपथ योजना के समर्थन में यहां खड़े हुए हैं. सरकार की तरफ से जो अग्निपथ योजना आई है वह बहुत सही है. हम चाहते हैं कि नौजवानों को रोजगार मिले और वह इस स्कीम नजर आ रही है. 25% को परमानेंट रोजगार नजर आ रहा है, बाकी के लिए भी रोजगार के अवसर दिख रहे हैं. सरकार रोजगार की समस्या के समाधान में जुटी है, जिसका हम समर्थन करते हैं."आरिफ खान, छात्र नेता
AMU के एक अन्य छात्र नेता आकिब खान ने कहा कि युवाओं की डिमांड थी कि बेरोजगारी का मसला हल किया जाए. मई के महीने में सरकार की रिपोर्ट थी कि देश मे 14% युवा बेरोगर हैं. उनको रोजगार मुहैया कराने के लिए ही तो सरकार ने ये स्कीम निकाली है. जिसके तहत एक साल में 46 हजार लोगों को रिक्रूट किया जाएगा. जिसमें की 25% परमानेंट होंगे और 75% को रिटायर हो जाएंगे. सरकार का साफ कहना है कि उन 75% लोगों को गवर्मेंट और प्राइवेट जॉब में प्राथमिकता दी जाएगी.
उपद्रवियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन की मांग
AMU के कुछ छात्रों ने उपद्रवियों के खिलाफ सरकार से बुलडोजर एक्शन की मांग की है. छात्र नेता आरिफ खान ने कहा कि "जिस तरीके से आगजनी हुई है और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है, मोदी और योगी सरकार को आरोपियों को चिह्नित कर बाजारों में उनके पोस्टर लगाने चाहिए, साथ ही इनके खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई होनी चाहिए."
वहीं आकिब खान ने उपद्रवियों के खिलाफ NSA और UAPA के तहत कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि "जो भी लोग आगजनी कर रहे हैं, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं उनके खिलाफ कानून के दायरे में NSA और UAPA के तहत कार्रवाई होनी चाहिए."
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