ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: अमरोहा में 5 और लखीमपुर खीरी में 2 बच्चों की दम घुटने से मौत

Amroha News:अंगीठी या कोयला भट्टी जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि हानिकारक गैसें निकलती हैं.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा में पांच और लखीमपुर खीरी जिले में घर में दम घुटने से दो बच्चों की मौत हो गई. जबकि दो लोग की हालात गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पहला मामला अमरोहा का है, यहां घर में सो रहे एक ही परिवार के पांच बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई. गंभीर स्थिति में दो अन्य को अस्पताल ले जाया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पुलिस ने कहा कि उन्होंने घर के अंदर कोयले की अंगीठी जला दी थी, जिससे दुर्घटना हो सकती थी. "प्रथम दृष्टया मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी हो सकती है क्योंकि इन लोगों ने अपने कमरे में कोयले की अंगीठी जला ली थी."

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार (8 जनवरी) की रात परिवार के सात सदस्य सो गए और जब मंगलवार (9 जनवरी) शाम तक उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो पड़ोसियों को शक हुआ. वे जबरन दरवाजा तोड़कर घर में घुस गये.

जानकारी के अनुसार, घर रहीज़ुद्दीन का था जिसके तीन बच्चे और उसके रिश्तेदारों के दो बच्चों की इस हादसे में मौत हो गई है. उनकी पत्नी और भाई की हालत गंभीर बताई जा रही है.

पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह समेत भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की.

जानकारी के अनुसार, पुलिस ने पांचों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि दो लोगों को इलाज के लिए जिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है.

प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि इन्होंने कमरे में कोयला जला रखा था जिसके कारण कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो गई और दम घुटकर 5 बच्चों की मृत्यु हो गई. कमरे में 7 लोग सो रहे थे. 2 लोगों को उपचार के लिए भेजा गया है.
राजेश त्यागी, जिलाधिकारी, अमरोहा

लखीमपुर खीरी में दो बच्चों की दम घुटने से मौत

वहीं, लखीमपुर खीरी के मैलानी थाना छेत्र में घर में सो रहे एक परिवार के दो बच्चो की दम घुटने से मौत हो गई और दंपत्ति की भी हालात गंभीर हैं, और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बताया जा रहा है कि दंपत्ति कमरे में अंगीठी जला के सोए थे, जिसके धुएं से बच्ंचो की दम घुटने से मौत हो गई .

एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि घर के अंदर अगीठी जलाई गई थी जो रात भर कमरे में भरता गया. उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिला और धुंआ भी निकलने का कोई साधन कमरे में नहीं था.

अंगीठी या कोयला भट्टी जलाने से क्या नुकसान?

अंगीठी या कोयला भट्टी जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि हानिकारक गैसें निकलती हैं. जिस कमरे में इसे जलाया जाता है वह बंद हो तो ज्यादा हवा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाती. इन गैसों के लगातार निकलने से बंद कमरे में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है और दम घुटने की समस्या हो सकती है. लंबे समय तक संपर्क में रहने से मृत्यु भी हो सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×