पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan), उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और आजम की पत्नी तंजीन फातिमा को सात साल की सजा हो गई है. रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने बुधवार (18 अक्टूबर) को तीनों की सजा का ऐलान किया है.
इससे पहले बेटे अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम, आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा को दोषी करार दिया. यह मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है.
फेक बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उनकी जीत भी हुई थी. लेकिन चुनावी नतीजों के बाद उनके विरोधी प्रत्याशी नवाब काजिम अली हाई कोर्ट पहुंच गए थे. काजिम ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं.
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने साल 2019 में ये केस दर्ज करवाया था. गंज थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. इस मामले आजम खान, उनकी पत्नी और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को आरोपी बनाया गया था.
शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार ने कहा कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों को दोषी करार दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उनके पास दो जन्म प्रमाण पत्र हैं, जिनमें से एक जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में लखनऊ नगर पालिका से बनवाया गया है और दूसरा रामपुर का है, जो 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका से बना है. उनपर इन जन्म प्रमाण पत्रों का समय-समय पर अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगा था.
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