ADVERTISEMENTREMOVE AD

Bihar: अररिया में पत्रकार की हत्या, अपराधियों ने दरवाजा खटखटाया फिर निकलते ही मारी गोली

परिवार ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि विमल ने खुद की सुरक्षा को देखते हुए बंदूक के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. आवेदन देने के बाद भी लाइसेंस नहीं मिल पाया.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बिहार (Bihar) के अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के बेलसरा में हथियारबंद बदमाशों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी. शुक्रवार (18 अगस्त) की सुबह बदमाश विमल कुमार यादव के घर पहुंचे. दरवाजा को खटखटाया और जैसे ही वह बाहर निकले तो उन्हें गोलियों से भून दिया.

पत्रकार की हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. मृतक पत्रकार की पहचान रानीगंज थाना क्षेत्र निवासी विमल कुमार यादव के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि विमल कुमार यादव दैनिक जागरण के रानीगंज थाना क्षेत्र के संवाददाता थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दो साल पहले भाई की भी बदमाशों ने गोली मारकर की थी हत्या

दो साल पहले 2019 में, मृत पत्रकार के सरपंच भाई की भी इसी तरह से बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

विमल कुमार यादव इस आपराधिक घटना के इकलौते और मुख्य गवाह थें. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इसी वजह से बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी.

पारिवारिक सदस्यों की मानें, तो इससे पहले बदमाशों ने कई बार पत्रकार को गवाही देने से रोका था. हालांकि बावजूद इसके उन्होंने कोर्ट में चल रहे ट्रायल में अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही दी थी.

पत्रकार विमल कुमार यादव अपने पीछे 15 साल का एक बेटा, 13 साल की बेटी और पत्नी को छोड़ गए हैं. हत्या के दौरान, पति के चिल्लाने पर पत्रकार विमल की पत्नी दौड़कर उनके पास पहुंचीं थी. वहां उन्होंने देखा कि उनके पति खून से लथपथ पड़े हैं.

मृत पत्रकार की पत्नी पूजा देवी ने घटना के बारे में कहा," सुबह में घर का दरवाजा खटखटाकर कोई उनका नाम ले रहा था. हम दोनों उठकर घर का दरवाजा और ग्रिल खोलने गए. इस दौरान, वो जैसे ही मेन गेट खोलकर दरवाजे पर पहुंचे की गोली चलने की आवाज आई."

उन्होंने गोली मारने की जानकारी आसपास के लोगों को दी. जिसके बाद स्थानीय लोग कुछ ही देर में भारी संख्या में वहां जुट गए. घटनास्थन स्थल पर पहुंचे लोगों में से ही किसी ने पुलिस को मामले की सूचना दी.

परिवार के सदस्य ने कहा, "एक सप्ताह पहले भी विमल ने अपने दोस्तों से कहा था कि उनकी जान को खतरा है. कुछ अपराधी लगातार उनका पीछा करते हैं."

आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश जारी- SP

घटनाक्रम पर बात करते हुए अररिया के एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा, " आज सुबह करीब 5:30 बजे रानीगंज बाजार इलाके में दैनिक जागरण के पत्रकार विमल की चार लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. एफएसएल टीम मौके पर है, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है.”

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

पत्रकार की हत्या के बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने घटना पर बयान देते हुए कहा," यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. बिहार में अब हत्याओं का दौर शुरू हो गया है, जिसमें पत्रकारों की भी हत्या हो रही है. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरीके से खत्म हो चुका है."

वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "नीतीश कुमार से अगर पद नहीं संभल रहा, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "माननीय मुख्यमंत्री जी थके, हारे, हताश-निराश हैं."

सीएम ने हत्याकांड पर जताया दुख

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार की हत्या दुख जताया है. उन्होंने कहा कि, "यह बड़े ही दुःख की बात है. जानकारी मिलते ही अधिकारियों को पूरे मामले को देखने के लिए कहा गया है कि कैसे किसी पत्रकार की हत्या हुई है? मैंने तुरंत अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया है और संबंधित अधिकारी उसे देख रहे हैं."

वहीं जंगलराज के सवाल पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि,

"बीजेपी का काम ही है, बिहार को बदनाम करना. बीजेपी ने बिहार को जितना बदनाम किया है, शायद ही और किसी ने किया है. ये सब और चलने वाला है. कोई क्या कहता है और नहीं कहता है, लेकिन क्राइम रिकॉर्ड के मामले में दिल्ली से ज्यादा क्राइम कहां है?"
तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार

सरकार का बचाव करते हुए JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पत्रकार की हत्या हुई है, तो हत्यारे पकड़े जाएंगे. प्रशासन इस मामले में अपना काम कर रही है. बीजेपी के आरोप पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए ललन सिंह ने कहा,

"बीजेपी के कहने से कुछ नहीं होगा. बीजेपी को मणिपुर में जाकर देखना चाहिए. जहां 3 मई से हिंसा हो रही है."

विमल कुमार ने बंदूक के लाइसेंस के लिए किया था अप्लाई

पत्रकार विमल कुमार के परिवार ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि विमल ने खुद की सुरक्षा को देखते हुए बंदूक के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था.

कई बार आवेदन देने के बाद भी लाइसेंस नहीं मिल पाया. प्रशासनिक लापरवाही के कारण पत्रकार विमल कुमार की हत्या कर दी गई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×