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बोचहां उपचुनाव: BJP-VIP में हुई लड़ाई-सीट RJD ने उड़ाई, हारकर भी खुश मुकेश सहनी

बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी दूसरे नंबर पर तो वीआईपी की गीता देवी तीसरे नंबर पर रहीं.

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां (सुरक्षित) सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है. जिस सीट की वजह से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को NDA गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखाया गया, मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) को मंत्री पद भी गंवाना पड़ा, VIP के सभी विधायकों को BJP अपने पाले में ले आई, और एनडीए में टकराव की स्थिति बनी वहीं बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ती गई आरजेडी जीत के करीब पहुंचती गई. आरजेडी के अमर पासवान ने BJP प्रत्‍याशी को 36,653 मतों से हराया.

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बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी दूसरे नंबर पर तो वीआईपी की गीता देवी तीसरे नंबर पर रहीं. बोचहां विधानसभा सीट के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुआ था. बोचहां सीट पर जीत के बाद तेजस्वी यादव ने बीजेपी और खासकर एनडीए में शामिल दलों पर हमला बोला.

बोचहां के जनता मालिकों को हार्दिक धन्यवाद. विधानसभा उपचुनाव में बेरोजगारी, महंगाई एवं बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व विधि व्यवस्था से त्रस्त जनता ने डबल इंजन सरकार तथा अवसरवादी NDA ठगबंधन में शामिल 4 दलों की जनविरोधी नीतियों व अहंकार को अकेले परास्त करने का न्यायप्रिय कार्य किया है.

बीजेपी की साख थी दांव पर

बता दें कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में बोचहां सीट एनडीए में वीआईपी को मिली थी, यहां से वीआईपी के मुसाफिर पासवान ने चुनाव जीता था. लेकिन उनके निधन के बाद ये सीट खाली हो गई. जिसके बाद वीआईपी ने उपचुनाव के लिए इस सीट पर दावेदारी दिखाई लेकिन बीजेपी ने यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया. जिसके बाद मुकेश सहनी और बीजेपी में तकरार और बढ़ गई. ऐसे तो ये तकरार यूपी चुनाव से ही दिखने लगी थी जब मुकेश सहनी ने खुलेआम बीजेपी का विरोध किया, और योगी आदित्यनाथ पर भी तीखे हमले बोले.

बीजेपी ने इसी दौरान VIP के तीनों विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. हालांकि देखा जाए तो VIP के सारे विधायक पहले से ही BJP के समर्थक और कार्यकर्ता थे, और विधानसभा चुनाव में VIP के टिकट पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी लगातार इस सीट पर जीत का दावा कर रही थी. बीजेपी की उम्मीदवार बेबी कुमारी पहले भी यहां से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन फिर भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. मुकेश सहनी और बीजेपी की इस लड़ाई में फायदा आरजेडी को हो गया.

आरजेडी ने वीआईपी के मुसाफिर पासवान के निधन के पास उनके पुत्र अमर पासवान को अपने पार्टी में ले आई और चुनाव जीत लिया.

मुकेश सहनी की अग्निपरीक्षा

मुकेश सहनी के लिए भी ये चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं था. एक तरफ सभी विधायकों का पार्टी छोड़ना, मंत्री पद से हाथ धोना और फिर बीजेपी से अलग होकर बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ना. अब भले ही मुकेश सहनी की पार्टी चुनाव हार गई हो लेकिन बीजेपी की हार से उनके दिल में खुशी जरूर हुई होगी.

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बता दें कि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें है, 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के खाते में सिर्फ 43 सीटें आई थीं. बीजेपी के 74 विधायक बने थे, लेकिन मुकेश सहनी की पार्टी से बीजेपी में शामिल विधायकों को मिला दें तो बीजेपी के पास कुल 77 विधायक हैं. वहीं लालू यादव की आरजेडी ने 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन बोचहां सीट पर जीत के बाद आरजेडी के 76 विधायक हो गए हैं. इसी तरह आरजेडी गठबंधन के पास अब 111 सीट हैं.

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