जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश के संविधान को सबसे ऊपर बताते हुए जम्मू के लोगों से कहा है कि उन्हें जो भी मिलेगा, इसी देश से मिलेगा. कहीं से कुछ और नहीं मिलेगा. विधानसभा में कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की जोरदार पैरवी करते हुए महबूबा ने घाटी में अशांति फैलाने वाले हंगामा करने वालों को करारा जवाब दिया.
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा-
“लोग कहते हैं कि हम जम्मू कश्मीर के संविधान को, मुल्क के संविधान को नहीं मानते, तो किस को मानते हैं? फिर आपको मिलने वाला क्या है, कहां से मिलेगा? मैं आज रिकॉर्ड पे ये बात लाना चाहती हूं- जम्मू-कश्मीर के जो भी लोग हैं, जो मिलने वाला है इसी मुल्क से मिलेगा और कहीं से कुछ नहीं मिलेगा.”
धार्मिक रंग न देने की अपील
कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की जोरदार पैरवी करते हुए महबूबा मुफ्ती ने आगाह किया कि इस मामले को धार्मिक मुद्दे के तौर पर तब्दील नहीं किया जाना चाहिए.
मुफ्ती ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना होगा कि जम्मू-कश्मीर ने अपना भविष्य तय कर लिया है और अब सिर्फ यही संभव है कि राज्य दोनों देशों के बीच शांति का सेतु बने.
उन्होंने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा, एक राजनीतिक मुद्दे को बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए और इसे धार्मिक मुद्दा भी नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वह राजनीतिक मुद्दे का समाधान कर सकते हैं और कोई रास्ता भी निकाल सकते हैं.
ये भी पढ़ें-भारतीय सेना ने 2017 में 138 पाकिस्तानी जवानों को मार गिराया
(इनपुटः PTI से)
[गणतंत्र दिवस से पहले आपके दिमाग में देश को लेकर कई बातें चल रही होंगी. आपके सामने है एक बढ़िया मौका. चुप मत बैठिए, मोबाइल उठाइए और भारत के नाम लिख डालिए एक लेटर. आप अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. अपनी चिट्ठी lettertoindia@thequint.com पर भेजें. आपकी बात देश तक जरूर पहुंचेगी]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)