महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच BMC भी सभी नियम कानूनों को लेकर सख्त है. अब BMC ने प्राइवेट लैब डॉक्टरों को नोटिस भेजकर चेताया है कि उनका लाइसेंस क्यों न कैंसिल कर दिया जाए? नोटिस में ये कहा गया है कि डॉक्टर बिना लक्षण वाले मरीजों की स्वैब टेस्टिंग में ICMR की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. उनसे 24 घंटे में जवाब मांगा गया है. वहीं, प्राइवेट डॉक्टरों का आरोप है कि BMC के अधिकारी, डॉक्टरों को फोन पर कह रहे हैं कि टेस्ट को लेकर आपकी सिफारिश की वजह से मुंबई में कोरोना का आंकड़ा बढ़ रहा है.
27 हजार से पार हो गए हैं कोरोना केस के आंकड़े
दरअसल, मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 27 हजार से अधिक हो गए हैं. बीएमसी का कहना है कि, डॉक्टर उन मरीजों के कोरोना टेस्ट करा रहे हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं. बीएमसी का आरोप है कि, डॉक्टर टेस्ट को लेकर ICMR की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. बीएमसी ने कहा है कि
‘अगर 24 घंटे में जवाब नहीं मिला तो इसे मान लिया जाएगी की आपने नियमों का उल्लंघन किया है. और महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी.’
ICMR ने 18 मई को भारत में कोरोना टेस्ट को लेकर गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है किन लोगों का कोरोना टेस्ट होना चाहिए.
- जिनका 14 दिनों में इंटरनेशनल यात्रा का इतिहास रहा है.
- कोरोना वायरस नियंत्रण में लगे हेल्थ केयर वर्कर या फ्रंटलाइन वर्कर्स.
- गंभीर सांस के संक्रमित रोगी.
- कोरोना वायरस पुष्टि होनेवाले रोगियों के संपर्क में आनेवाले.
- हॉटस्पॉट और कंटीमेंट जोन जिनमें ILI लक्षण हैं.
- सभी हॉस्पिटल मरीज जिनमें ILI लक्षण हैं.
- ऐसे प्रवासी लोग जो 7 दिनों से बीमार हैं.
क्या है प्राइवेट डॉक्टरों का आरोप?
जानकारी के मुताबिक मुंबई शहर में बीएमसी ने अब तक करीब 40 डॉक्टरों को लाइसेंस कैंसिल करने का नोटिस भेज दिया है. प्राइवेट डॉक्टरों का आरोप है कि बीएमसी के अधिकारी फोन कर कह रहे है कि, टेस्ट के लिए आपकी सिफारिशों की वजह से मुंबई में कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों में कुछ भी ऐसे लक्षण दिखाए देते हैं उन्हें ही टेस्ट के लिए भेजा जाता है.
बहरहाल, कोरोना संकट के बीच इन दिनों बीएमसी और डॉक्टरों आमने-सामने दिख रहे हैं. बीएमसी पर आरोप लगाया जा रहा है कि, निगम के अधिकारी डॉक्टरों को धमका रहे हैं. इससे पहले भी बीएमसी सभी प्राइवेट डॉक्टरों और प्राइवेट क्लिनिकों को काम शुरू करने के लिए कहा था. साथ ही ये चेतावनी दी गई थी अगर वे काम पर नहीं लौटे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं डॉक्टरों का कहना था कि, उनकी सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की जा रही. और काम करनेवाले स्टॉफ क्लिनिक नहीं पहुंच सकते तो काम कैसे किया जाए.
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