राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी दीपावली सहित अन्य पर्व और त्योहारों पर पटाखे (Delhi Cracker Ban 2023) जलाने पर बैन रहेगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण सभी प्रकारों के पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता में कहा कि यह फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'विंटर एक्शन प्लान' के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया है. आमतौर पर राजधानी में दिसंबर और जनवरी में प्रदूषण बढ़ जाता है.
"सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिवाली के मौके पर पटाखों पर बैन लगाने का फैसला किया है. दिल्ली में किसी भी प्रकार के पटाखों का निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन डिलीवरी और फोड़ना पूरी तरह से प्रतिबंधित है."दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय
बिक्री के लिए नहीं मिलेगा लाइसेंस
मंत्री ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में पुलिस को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से एक परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें कहा गया कि इसकी बिक्री के लिए कोई लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि “त्योहार मनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन पर्यावरण की देखभाल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. इसलिए हमने पिछले 2 साल से दिल्ली में पटाखों के बैन पर फैसला लिया और दिल्ली के लोग इसमें हमारा समर्थन कर रहे हैं.
'विंटर एक्शन प्लान' के तहत लिया फैसला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पर्यावरण मंत्री ने जनवरी से अगस्त तक दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार पर भी बात की. हालांकि, उन्होंने आगामी सर्दियों को लेकर चिंता जाहिर की, जब AQI बिगड़ जाती है. उन्होंने बताया कि इसे नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसपर विशेषज्ञों से सहयोग और सुझाव के लिए पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगी.
सर्दियों में बिगड़ जाती है दिल्ली का आबोहवा
इस साल 13 नवंबर को भारत में दिवाली मनाई जाएगी. आमतौर पर, सर्दियों के दौरान, गाड़ियों और उद्योगों से निकलने वाले धुंए प्रदूषण बढ़ाते हैं. इसके साथ ही, धूल भरी आंधी, पराली जलाना, हीटिंग के लिए ठोस ईंधन जलाना और साथ ही दिवाली के दौरान पटाखा फोड़ने पर दिल्ली में दम घोंटू जैसी स्थिति बन जाती है. इनपर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार पिछले तीन साल से सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा रही है.
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