दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' होने के कारण दिल्ली (Delhi) के सभी स्कूल (Schools) 3 दिसंबर से अगले आदेश तक बंद रहेंगे. दिल्ली सरकार का यह कदम भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र, दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों को बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद आया है. प्रतिबंध के बावजूद, सीबीएसई परीक्षाएं आवश्यक सावधानियों और सुरक्षा उपायों के साथ आगे बढ़ेंगी.
इससे पहले 13 नवंबर को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूलों में एक सप्ताह के लिए शारीरिक कक्षाएं बंद करने की घोषणा की थी. उन्होंने यह घोषणा यह कहते हुए की थी कि शिक्षा आभासी (वर्चुअल) मोड में जारी रहेगी. लगभग दो सप्ताह के अंतराल के बाद, राष्ट्रीय राजधानी के सभी स्कूल 29 नवंबर को फिर से खुल गए थे.
राज्य सरकार ने सोमवार को इसी तरह का फैसला लिया था, जब इसने अगले आदेश तक शहर में सभी निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. इसके अलावा, वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए दिल्ली के बाहर से गैर-सीएनजी और गैर-इलेक्ट्रिक ट्रकों का प्रवेश भी उसी तारीख को 7 दिसंबर तक प्रतिबंधित कर दिया गया था.
जबकि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को राजधानी में प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत बताया गया है. इसके अलावा निर्माण और विध्वंस गतिविधियों से धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण में योगदान देता है.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, गुरुवार को सुबह 9.30 बजे दिल्ली का समग्र एक्यूआई 382 था. यहां पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 227 और 401 दर्ज किया गया.
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता को लेकर जारी की गई चेतावनी पर गौर करें तो यहां 3 दिसंबर और 4 दिसंबर को हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है. बताया गया है कि 3 से 5 दिसंबर के दौरान हवाएं धीमी/शांत रहने की संभावना है. अगर हवा धीमी रहती है तो धूल और प्रदूषण के कण पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ने की संभावना तेज हो जाती है.
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