देश भर में बीते कुछ दिनों में हिंदूवादी संगठनों द्वारा चर्च और ईसाइयों के अन्य धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ करने की कई तस्वीरें सामने आई हैं. इसी कड़ी में ताजा मामला कर्नाटक (Karnataka) के कोलर से सामने आया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार हिंदूवादी संगठन के कुछ लोगों ने ईसाई धर्म की धार्मिक किताबों को आग के हवाले कर दिया. इस मामले में अबतक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है पुलिस का कहना है की ईसाई (Christian) धर्म के लोगों को धर्म का प्रचार प्रसार करने से पहले ही मना किया गया था.
डोर-टू-डोर प्रचार कर रहे थे ईसाई समुदाय के लोग
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना उस समय हुई जब ईसाई समुदाय के लोग प्रचार अभियान के तहत घर-घर जा रहे थे. हिंदूवादी संगठन के लोगों ने उन्हें रोका और पूछताछ की जिसके बाद उन्होंने पुस्तिकाएं छीन लीं और उनमें आग लगा दी.
यह स्वीकार करते हुए कि वे धार्मिक पुस्तकें जला रहे थे, दक्षिणपंथी सदस्यों में से एक ने जोर देकर कहा कि उन्होंने "कोई हिंसा नहीं की " उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमने उन्हें परेशान नहीं किया. वे हमारे पड़ोस में किताबें बांट रहे थे और ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे."
धर्म परिवर्तन के मामले पर कुछ दिनों पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन पर विधेयक लाकर राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए रखा जाएगा यह राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए होगा.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि, "बिल केवल लालच द्वारा धर्मांतरण को रोकने के लिए है." उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक कानून के संदर्भ में कहा, "अधिकांश लोग चाहते हैं कि अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों का अध्ययन करने के बाद राज्य में भी ऐसा ही कानून लाया जाए."
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