लखनऊ मंडल की सीनियर IAS अधिकारी और लखनऊ डिविजनल कमिश्नर रोशन जैकब (Roshan Jacob) को अब तक लोगों ने निरीक्षण करते, अफसरों को मुश्तैद रहने का आदेश देते देखा होगा. लेकिन बुधवार, 28 सितंबर को IAS रोशन जैकब लखीमपुर पहुंचने पर रो पड़ीं. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने अस्पताल में भर्ती एक बच्चे को देखा. जो इस कदर जख्मी था कि पेट के बल लेटा हुआ था. उठ भी नहीं पा रहा था. बच्चे की मां ने कमिश्नर के सामने हाथ जोड़कर बेटे को ठीक कर देने की गुहार लगाई. इससे रोशन जैकब भावुक हो गईं.
लखीमपुर में बुधवार को एक बड़े सड़क हादसे में बस और ट्रक की आमने-सामने की टक्कर हो गयी, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई. इस हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए. सूचना पर लखीमपुर पहुंची कमिश्नर रोशन जैकब ने जिला हॉस्पिटल का दौरा किया और हादसे में घायल मरीजों के परिवार वालों से बात की. इसके बाद कमिश्नर रोशन जैकब जब डॉक्टरों के साथ बैठक करने जा रही थीं, तभी एक युवक उनको मिला, जिसने अपने घायल मरीज का सही इलाज न होने की शिकायत की.
कमिश्नर रोशन जैकब युवक के साथ वार्ड पहुंची जहां 10 साल का घायल बच्चा बेड पर पड़ा था. 2 दिन पहले ही सदर कोतवाली क्षेत्र के बाजपेई गांव में दीवार ढ़हने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. इसी में कफील नाम का यह 10 साल का बच्चा भी घायल हो गया था. घायल कफील न तो पीठ के बल लेट सकता है और ना उठ कर बैठ सकता है.
कफील की परेशानी को देखकर कमिश्नर रोशन जैकब भी रो पड़ीं. इस मौके पर कमिश्नर को सामने देख डॉक्टर बच्चे को लखनऊ रेफर किए जाने की बात करने लगे. हालांकि कमिश्नर ने कफील के इलाज में कोई लापरवाही न बरतने का आदेश दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)