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Jalore: दलित छात्र की मौत पर तनाव, इंटरनेट बंद-5 लाख का मुआवजा, आरोपी गिरफ्तार

Jalore Dalit student death: आरोप है कि मासूम छात्र ने सिर्फ पानी का घड़ा छुआ था, जिससे नाराज टीचर ने बुरी तरह पीटा.

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राजस्थान के जालोर में दलित छात्र की मौत पर इलाके में तनाव का महौल है. स्थिति को भांपते हुए सरकार ने 24 घंटे के लिए इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है. इस मामले में राजस्थान की राजनीति भी गरमा गई है. बीजेपी ने कानून व्यवस्था से जोड़ते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं. सीएम गहलोत ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मामला एक 9 साल के दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल से जुड़ा है. आरोप है कि दलित छात्र ने स्कूल में रखे पानी पीने वाले मटके को छू लिया था, जिससे शिक्षक छैल सिंह नाराज हो गया था और बच्चे की बुरी तरह से पिटाई कर दी. इससे बच्चे के कान की नस फट गई थी.

स्कूल में जातिवाद के नाम पर मेरे बेटे की पिटाई की गई. सामान्य दिनों की तरह 20 जुलाई को भी इंद्र स्कूल गया था. सुबह करीब 10:30 बजे उसे प्यास लगी. उसने स्कूल में रखी मटकी से पानी पी लिया. उसे नहीं पता था कि यह मटकी स्कूल के टीचर छैल सिंह के लिए रखी गई है. इससे सिर्फ छैल सिंह ही पानी पीता था.
देवाराम, मृत छात्र के पिता

देवाराम ने बताया कि छैल सिंह ने इंद्र को बुलाया और जमकर पीटा. इतना पीटा की उसकी दाहिनी आंख और कान पर अंदरुनी चोटें आईं. छैल सिंह ने जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया. पहले तो लगा कि हल्की चोट आई है, लेकिन ऐसा नहीं था. पिटाई के बाद इंद्र की तबीयत खराब होने लगी तो उसे जालोर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए. जालोर से उसी दिन उदयपुर रेफर कर दिया गया था. यहां भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो कुछ दिनों बाद अहमदाबाद ले गए थे. यहां इलाज के दौरान 13 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे मौत हो गई.

आरोपी शिक्षक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

दलित छात्र की मौत के बाद 13 अगस्त की शाम को ही जालोर की सायला पुलिस ने आरोपी शिक्षक छैल सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी शिक्षक खिलाफ IPC की धारा 302 और SC/ST के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.

शुरुआती जांच में सामने आया कि पिटाई से बच्चे के कान की नस फट गई थी.
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क्या बोले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जालोर के सायला थाना इलाके के एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मुत्यु दुखत है. आरोपी शिक्षक के खिलाफ हत्या और SC/ST के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जा चुकी है. मामले की जल्द जांच के लिए केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है. पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा. मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी.

बीजेपी मुद्दा बनाएगी, लेकिन हम बिना मुद्दा बनाए घटना की निंदा करते हैं. अपराधी को शीघ्र सजा मिले, हमारा यही दृष्टिकोण है.
सीएम अशोक गहलोत

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जालोर की घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है कि जालौर में निर्दयी शिक्षक द्वारा एक मासूम दलित बच्चे को बुरी तरह पीटे जाने के बाद उसकी मृत्यु की घटना बेहद दुःखद है. मैं इस क्रूर कृत्य की भर्त्सना करता हूं. पीड़ित परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. आरोपी कठोर धाराओं के तहत गिरफ़्तार हो चुका है। उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

क्या बोलीं विपक्षी पार्टियां?

दलित छात्र की मौत के बाद लोगों में आरोपी शिक्षक के खिलाफ गुस्से का माहौल है. दलित संगठन भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं. जालोर की घटना को लेकर राजनीति भी गरमा गई है. राजनीतिक गलियारों में भी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.

ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब राज्य सरकार और मुख्यमंत्री कमजोर होते हैं. पिछले साढ़े तीन साल में एक के बाद एक दलितों पर अत्याचार की घटनाएं हुई हैं. दोषियों को जल्द से जल्द दंडित किया जाना चाहिए. जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है तो ऐसी घटना हमें सोचने पर मजबूर कर देती है कि हम कहां खड़े हैं. एक समाज एकता और सद्भाव से बनता है और हमारे लिए समाज सर्वोपरि है.
सतीश पूनिया, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

दलित नेता और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी. आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर में जातिवाद का शिकार होना पड़ा. हमें पानी के मटके को छूने की भी आजादी नहीं, फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं?

राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं. इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों और उपेक्षितों आदि के जान और इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है. अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाये तो बेहतर.
BSP सुप्रीमो मायावती

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