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झारखंड: "ऑपरेशन कमल" का डर, रायपुर में गठबंधन के MLA, भूपेश बघेल मिलने पहुंचे

IndiGo की 6E 9522 नंबर की फ्लाइट रांची एयरपोर्ट से UPA के 45 विधायकों को लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गई है.

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झारखंड में जारी सियासी उठापटक के बीच JMM-Congress के विधायक छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं. हेमंत सोरेन ने सरकार पर मंडरा रहे संकट को ध्यान में रखते हुए इन विधायकों की रवानगी कराई है. बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन की कमान खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संभाले हुए हैं. सोरेन ने कहा कि सत्ता पक्ष हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है.

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UPA के विधायकों से मिलने पहुंचे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रांची से रायपुर पहुंचे JMM-Congress के विधायकों से मिलने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मिलन पहुंचे हैं.

छत्तीसगढ़ के मेफेयर रिजॉर्ट में रहेंगे विधायक

IndiGo की 6E 9522 नंबर की फ्लाइट रांची एयरपोर्ट से UPA के 45 विधायकों को लेकर रायपुर पहुंच गई है. इन सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ के मेफेयर गोल्फ रिजॉर्ट में रखा जाएगा. ये वही रिजॉर्ट है जिसमें कुछ दिन पहले हुए राज्यसभा चुनाव के लिए हरियाणा के विधायकों को रखा गया था.

'ऑपरेशन कमल' को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है. क्योंकि, अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के तीन विधायक पैसों के साथ गिरफ्तार हुए थे, तभी कयास लगाया जाने लगा था कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के बाद ऑपरेशन कमल का अगला टार्गेट झारखंड होने वाला है. अच्छी बात ये रही कि हेमंत सोरेन इसे जल्दी भाप गए और समय रहते हुए इस बाजी को पलटकर अपने खेमे में कर ली.

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में फंसे हेमंत सोरेन की विधायकी पर संशय बरकरार है. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने भी सोरेन की विधायकी रद्द करने के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है और इसका लेटर चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को भेज दिया है.

'ऑपरेशन कमल' पर चोट करने को तैयार सोरेन?

जब ये खबर आई तो इसके बाद हेमंत सोरेन सक्रिय हो गए और अपने विधायकों को लेकर सैर पर निकलने पहुंच गए. उस दिन भी यही खबर थी कि विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन सोरेन एक कदम आगे निकले. वो विधायको के लेकर लातूर रिजॉर्ट गए और शाम तक फिर वापस रांची लौट आए. लेकिन, इस बार खबर पक्की है. 'ऑपरेशन कमल' पर चोट करने के लिए इस बार सोरेन तैयार हैं, और विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाकर ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनके साथ मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को दोहराना आसान नहीं होगा.

इनपुट: आनंद दत्ता

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