ADVERTISEMENTREMOVE AD

Uttarakhand Kanwar Yatra 2022:सादी वर्दी में घूमेंगे गुप्तचर,50 ड्रोन से निगरानी

Uttarakhand में चार धाम यात्रा के बाद 12 जुलाई से कावड़ यात्रा शुरू होने वाली है.

Updated
राज्य
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा के बाद Kanwar Yatra 2022 सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है,जो राज्य सरकार की भी अग्नि परीक्षा होगी. क्योंकि कोविड महामारी के बाद शिव भक्तों का सैलाब उमड़ सकता है. राज्य सरकार भी यह मानकर चल रही है कि इस बार कांवड़ मेले मे कुंभ मेले का भी रिकॉर्ड टूट सकता है. ऐसे में पुलिस वालो ने भी कमर कस ली है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बाबा भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन(श्रावण) इस माह की 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में सरकार और पुलिस प्रशासन ने चारधाम यात्रा के बीच अब कांवड़ यात्रा को लेकर भी कमर कस ली है. कोविड काल के बाद पूरे उत्साह में कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है. इस बार 4 करोड़ से ज्यादा कांवड़िए गंगा स्नान और जल भरने के लिए आ सकते हैं, ऐसा राज्य सरकार मानकर चल रही है. सरकार की ओर से इस बार भी कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की जा रही है.

उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा अपने पूरे चरम पर चल रही है. राज्य में मानसून की दस्तक के बाद भले ही चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आयी है, लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती सरकार और प्रशासन के सामने कांवड़ यात्रा की है. राज्य सरकार की मानें तो हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों से जो समन्वय उत्तराखंड पुलिस ने बनाया है, उसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार की कांवड़ यात्रा कुंभ मेले का रिकॉर्ड भी तोड़ सकती है.

0

इस बार 12 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में लगभग 4 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान और जल भरने के लिए हरिद्वार आ सकते हैं. पुलिस प्रशासन अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारियों से मिलकर तैयारियों को अमलीजामा पहनाने में लगे हैं. उत्तराखंड राज्य के ऋषिकेश, हरिद्वार, नीलकंठ सहित समूचा गढ़वाल शिव भक्तों के सैलाब से भरा रहेगा.

कांवड़ यात्रा का सफल संचालन, सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती

सबसे बड़ी पदयात्रा कांवड़ यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है. साल में दोबार लगने वाले इस कांवड़ मेले में सबसे अधिक संख्या सावन के महीने में ही देखने को मिलती है. अपने आराध्य शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु शिवालयों मंदिरों और गंगा घाटों पर पहुँचते हैं. कांवड़ियों का हुजूम उत्तराखंड राज्य में देखने को मिलता है.

कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा ने सारे रिकॉर्ड टूट गये, अभी तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. अब सरकार के सामने कांवड़ का सफल संचालन करना चुनौती भरा साबित हो सकता है. एक बार फिर से राज्य सरकार और पुलिस विभाग के पास यह जानकारी पुख्ता तरीके से आ गई है कि इस बार कांवड़ यात्रा भी नया रिकॉर्ड बना सकती है.

यदि हरिद्वार में साल 2010 में हुए कुंभ मेले की बात करें तो लगभग तीन करोड़ पचास लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई थी. यह स्थिति मात्र 4 महीने चलने वाले कुंभ मेले की थी. 12 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ मेले में करीब 4 करोड़ लोग पहुँचते हैं तो यह मेला मात्र एक पखवाड़े ही चलेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने तमाम अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा की तरह ही इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार और ऋषिकेश में उमड़ने वाली है. तैयारियों को तेजी से पूरा किया जाये. सरकार कांवड़ यात्रा में कोई परेशानी न हो, इसके लिए भी योजना की रूपरेखा तैयार कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कह रहे हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालु अधिक आ गये थे और कांवड़ यात्रा भी इस बार चुनौती पूर्ण हो सकती है, क्योंकि यात्रा 2 साल बाद होने जा रही है. इसके बावजूद राज्य सरकार सभी शिव भक्तों के स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए हैं.

गुप्तचर शाखायें भी सक्रिय

कांवड़ यात्रा इस बार जितना भव्य होने जा रही है, उतनी बड़ी तैयारियां पुलिस प्रशासन भी कर रहा है. उत्तराखंड डीजीपी की मानें तो इस बार यात्रा भव्य होगी. सभी तैयारियां भी सुरक्षा के दृष्टि से पुख्ता की गई है. तमाम राज्यों की खुफिया एजेंसियों से तालमेल बिठाकर काम किया जा रहा है, ताकि किसी तरह की कोई भी गड़बड़ी न फैलायी जा सके.

इसके साथ ही पुलिस, भीड़ में असामाजिक तत्वों को भी खोजने का काम करेगी, जो यहां पर आकर भक्ति के नाम पर उत्पात मचाते हैं, ऐसे में पूरे क्षेत्रों में 50 से अधिक ड्रोन कैमरे लगाए जायेंगे. इसके साथ ही सिविल पुलिस के जवान तो रहेंगे ही साथ ही भक्तों के यानी कावड़ियों के भेष में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी की तैनाती भी की जायेगी. पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस बार की भीड़ को सकुशल उनके शिवालयों और राज्यों तक भेजना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

योगी सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार करेगी स्वागत के लिए ये काम

दूसरी ओर राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार से प्रभावित होकर इस बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग कांवड़ मेले के दौरान आने वाले शिव भक्तों पर फूल बरसाने की भी योजना बना रही है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार सहारनपुर से लेकर मेरठ और आसपास के शहरों में हाईवे पर फूल बरसाएंगे तो वहीं उत्तराखंड सरकार ने रुड़की सीमा से लेकर के पतंजलि योगपीठ और हरकी पौड़ी से लेकर के ऋषिकेश मार्ग पर दो हेलीकॉप्टरों को तैनात करने की भी योजना बनायी है, जिस दिन अधिक भीड़ और यात्रा की शुरूआत हो उस दिन शिव भक्तों पर फूल बरसाए जायेंगे.

बजट के नाम पर चंद लाख रुपए होते हैं जारी

हरिद्वार में आयोजित होने वाले कांवड़ मेले में अब तक अधिकतम कांवड़ियों की संख्या लगभग 1 करोड़ 75 लाख रही है,लेकिन ऐसा पहली बार होगा, जब इतनी भारी संख्या में शिव श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचेंगे. इसके लिए पुलिस प्रशासन के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. इतने बड़े आयोजन के लिए राज्य सरकार अब तक कोई भी बड़ी धनराशि जारी नहीं की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या कहते हैं स्थानीय लोग ?

स्थानीय लोगों का मानना है कि वे इस यात्रा से उन्हे अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राज्य सरकार कांवड़ यात्रा में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की अलग से नियुक्ति नही करती है, और न ही इस तरह की कोई व्यवस्था की जाती है. जिस कारण कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार और ऋषिकेश की यातायात व्यवस्था पटरी से उतर जाती है. स्थानीय लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वो कांवड़ यात्रा को लेकर अलग से अधिकारियों की नियुक्ति करें, तथा कांवड़ यात्रा के लिए अलग से वित्त की भी व्यवस्था हो, ताकि विकास की योजनाओं पर असली जामा पहनाया जा सके, तथा कांवड़ियों के लिए रुकने की व्यवस्था की जा सके, ऐसे स्थानों पर बिजली की व्यवस्था की जाये, जहां पर अत्यधिक भीड़ का जमावड़ा बना होता है. हरकी पौड़ी और उसके आसपास क्षेत्र में अधिक भीड़ हो जाने की वजह से चंडी घाट स्थित टापू पर भीड़ को एकत्रित करने की व्यवस्था की जाये.

इनपुट- मधुसूदन जोशी

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें