उत्तराखंड के केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश (Kedarnath Helicopter Crash) में सात लोगों की मौत हो गई है. लेकिन ये पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है. लेकिन ये पहली बार नहीं है जब केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ हो, इससे पहले भी यहां हेलीकॉप्टर क्रैश हुए हैं. लेकिन 2013 की आपदा के बाद ये पहला हेलीकॉप्टर क्रैश है. हालांकि इसी साल मई में डीजीसीए ने केदारनथ में हेली टैक्सी चला रही पांचों कंपनियों पर जुर्माना लगाया था.
दरअसल उत्तराखंड में साल 2013 की आपदा के बाद समूची केदार घाटी में हैली कंपनियो की बहार आ गयी. तत्कालीन सरकार ने भी वायुयान संचालन नियमावली में छूट दी. जिसका परिणाम ये हुआ कि ज्यादा मुनाफा कमाने की होड़ सी मच गयी. हैली कंपनियो ने भी नियमों को ताक पर रखकर हेलीकॉप्टर को सिटी बस बनाने में चूक नहीं की.
पलभर में बदलता है मौसम
केदार पुरी ऐसी जगह है जहां मौसम पल भर में बदल जाता है. नीचे तेज धूप खिली रहती है लेकिन धाम में एकाएक घना कोहरा और बर्फबारी हो जाती है. आज यानी 18 अक्टूबर को जिस वक्त हादसा हुआ उस समय केदार पुरी में कोहरा आ गया था और विजिबिलिटी कम थी प्रत्यक्षदर्शी यात्री रितिक ओक्षा के अनुसार,
मैं भी केदारनाथ भगवान के दर्शन करने के बाद हैली के टिकट लेने के लिए चक्कर काट रहा था, मेरी खुशकिस्मती रही कि टिकट काउंटर पर कोई नहीं था, और मैं मायूस होकर पैदल चल पड़ा. दो किलोमीटर ही पहुंचा था कि आकाश में धुंध छाने लगी और एकाएक किसी के टकराने आवाज सुनाई दी. मैंने सोचा शायद पहाड़ से पत्थर गिरा हो, कुछ लोग चिल्ला रहे थे कि हैली गिर गया. मैं भी उस ओर भागा तो देखा कि यात्री इधर उधर पड़े हुए हैं, और उसमें आग लग रही है.
मई 2022 में हेलीकॉप्टर कंपनियों पर लगा था जुर्माना
केदारनाथ धाम में यात्रियों को ले जाने वाले पांच हेलीकॉप्टर संचालकों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना मई 2022 में लगाया गया था. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने उड़ान में गड़बड़ी को लेकर ये जुर्माना लगाया था. इसके साथ ही डीजीसीए ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर दो अन्य ऑपरेटर्स कंपनियों के अधिकारियों को 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया था. इन अनियमितताओं का पता तब चला जब जून में ऑडिट करने का फैसला किया गया. क्योंकि 31 मई को तीर्थयात्रियों को अधिक ऊंचाई पर ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग हुई थी, इसी के बाद ये ऑडिट हुआ था.
किन नियमों का हुआ था उलंघन?
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि DGCA के महानिदेशक ने केदारनाथ में शटल ऑपरेशंस में शामिल हेलीकॉप्टरों की मौके की जांच के लिए एक टीम का गठन मई में किया था. 7 और 8 जून को टीम ने स्पॉट चेक किया, जिसमें खामियां पाये जाने के बाद सभी ऑपरेटर्स का विस्तृत ऑडिट करने का फैसला किया गया.
पहले भी क्रैश हुए हेलीकॉप्टर
केदारपुरी में क्रैश की ये पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी तीन बार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, 2013 की केदारनाथ त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्य करते समय भी वायुसेना का MI-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इसके अलावा 2 हेलीकॉप्टर आपदा के दौरान क्रैश हो गए थे, इन दुर्घटनाओं में तकरीबन 22-25 लोगों की मौत हो गई थी.
केदारपुरी में पहला हेलीकॉप्टर क्रैश
साल 2013 में 16 और 17 जून को केदारनाथ में आपदा आई थी, जिसमें कई तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, इसी दौरान 25 जून 2013 को वायु सेना का MI-17 हेलीकॉप्टर गौचर से गुप्तकाशी होते हुए केदारनाथ पहुंचा था, MI-17 हेलीकॉप्टर केदारनाथ में दाह संस्कार की लकड़ी छोड़कर वापस लौट रहा था, इसी दौरान अचानक से मौसम खराब हो गया और गौरीकुंड के पास हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को ढूंढने में दो तीन दिन लग गए थे और हेलीकॉप्टर में सवार सभी बीस लोगों की अकाल मौत हो गई थी.
केदारपुरी में दूसरा हेलीकॉप्टर क्रैश
दूसरी घटना भी 19 जून 2013 को राहत एवं बचाव कार्य करने के दौरान ही घटित हुई थी, जिसमें हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था लेकिन गनीमत ये थी कि इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई थी.
केदारपुरी में तीसरा हेलीकॉप्टर क्रैश
तीसरी घटना 28 जून साल 2013 को घटित हुई. जब गरुड़चट्टी के पास एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में पायलट समेत तीन लोगों की जान चली गई थी. ये हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में जुटा हुआ था.
अब एक बार फिर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, इसमें पायलट समेत सात लोगों की मौत हुई है. सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि ये सभी तीर्थयात्री दक्षिण भारत के थे.
सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Dhami) ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "केदारनाथ के समीप गरुड़ चट्टी में दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ है. राहत और बचाव कार्य हेतु SDRF और जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है. इस दु:खद घटना के विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं."
राष्ट्रपति और पीएम ने जताया दुख
इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया है. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "केदारनाथ धाम के पास हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पायलट सहित कई तीर्थयात्रियों के निधन का समाचार बहुत दुखद है. अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं."
इनपुट- मधुसूदन जोशी
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