लखनऊ में पिछले दिनों पिटबुल नस्ल के एक कुत्ते ने अपनी ही मालकिन को नोंच-नोंच कर मार डाला था. जिसके बाद लखनऊ नगर निगम ने उस पिटबुल को अपने कब्जे में लेकर पशु कल्याण केंद्र में रख दिया था. गुरुवार को पिटबुल के मालिक अमित त्रिपाठी को पशु कल्याण केंद्र ने सशर्त कुत्ता सौंप दिया.
मृतका के बेटे अमित त्रिपाठी ने बुधवार को नगर निगम मुख्यालय जाकर पिटबुल वापस करने की मांग की थी. इस पर अफसरों ने पड़ोसियों के ऐतराज और घर में कम जगह होने की दलील देकर पिटबुल लौटाने से इनकार कर दिया था.
हालांकि, अमित त्रिपाठी अफसरों को समझाने में कामयाब रहे. उन्होंने अफसरों से पिटबुल को अपना बेहद प्रिय बताया. डॉ. अरविन्द राव से बातचीत में उन्होंने कहा कि, जब से पिटबुल उसके पास से गया है वह बेचैन रहते हैं, क्योंकि वह उसे काफी प्रिय था, इसीलिए अमित ने बार बार डॉ. अरविन्द और अभिनव से उसे देने का अनुरोध किया. उन्होंने अधिकारियों को ये भी बताया कि पिटबुल खतरनाक नहीं है. वह बहुत प्रेम से रहता था. उसने पहले किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था. एक हादसा था जो हो गया.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पशुओं के लिए लम्बे समय से काम करने वाली मेनका गांधी ने इस मामले में खुद संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ. अरविन्द राव से फोन पर बात की थी. उन्होंने भी कुत्ते को अमित को सौंपने को कहा था. लेकिन, अरविन्द राव ने उन्हें स्थानीय निवासियों के विरोध की जानकारी दी थी. इसी तरह कई अन्य संस्थाओं और बड़े लोगों ने भी अमित को कुत्ता देने की सिफारिश की थी. बहरहाल, अब अमित को सशर्त कुत्ता सौंप दिया गया है.
बता दें, कैसरबाग बंगाली टोला निवासी अमित त्रिपाठी के पालतू पिटबुल कुत्ते ने 12 जुलाई को काटकर उनकी मां को मार डाला था. इसके बाद 14 जुलाई को नगर निगम की टीम पिटबुल को पकड़कर एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर इन्दिरानगर ले आई थी. तब से पिटबुल नगर निगम के अस्तपाल में था. करीब 14 दिन बाद इसके मालिक अमित ने नगर निगम से सम्पर्क साधा और कुत्ते को वापस लेने की अर्ज़ी लगाई थी.
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