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LU कैंपस में प्रॉक्टर ऑफिस के सामने प्रोफेसर रविकांत को छात्र ने मारा थप्पड़

काशी विश्वनाथ पर विवादित टिप्पणी करने पर प्रोफेसर के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है.

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काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) पर विवादित टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर रविकांत को लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में ही एक छात्र ने थप्पड़ मार दिया. आरोपी का नाम कार्तिक पाण्डेय है. थप्पड़ प्रॉक्टर ऑफिस के सामने ही मारा गया. गौरतलब है कि, काशी विश्वनाथ मंदिर पर टिप्पणी के बाद से प्रोफेसर रविकांत का विरोध हो रहा था. प्रोफेसर के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है.

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क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, 10 मई को एक यूट्यूब चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर बहस हो रही थी. इस बहस में लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन भी शामिल थे. उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत पट्टाभि सीतारमैया की पुस्तक "पंख और पत्थर" का हवाला देते हुए कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को इसलिए ध्वस्त कर दिया क्योंकि कथिततौर पर वहां व्यभिचार हुआ था.

प्रो. डॉक्टर रविकांत ने कहा कि मैं दोपहर 1 बजे के करीब क्लास लेने जा रहा था. जब मैं प्रॉक्टर ऑफिस से गुजर रहा था. इसी दौरान एक कार्तिक पांडेय नाम के लड़के ने हमारे ऊपर जानलेवा हमला किया और जातिगत गालियां दीं. उस वक्त हमारे साथ गार्ड भी मौजूद थे. उन्होंने उसे हटाया. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर ये उसी घटनाक्रम की पुनरावृति है. इस बात की आशंका हमने पहले ही जाहिर की थी.

रविकांत ने कहा कि इस पर विद्यालय प्रशासन बिलकुल गंभीर नहीं है और ना ही पुलिस प्रशासन गंभीर है. जिसका नतीजा है कि ये दोबारा हमारे साथ घटना हुई. उन्होंने कहा कि मेरी FIR अभी तक दर्ज नहीं की गई है. उलटे हमारे ऊपर ही FIR दर्ज कर दी गई है.

काशी विश्वनाथ पर विवादित टिप्पणी करने पर प्रोफेसर के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है.

उधर, समाजवादी छात्र सभा ने कार्तिक पांडेय को लखनऊ इकाई अध्यक्ष पद से तत्काल हटा दिया है. इसकी कार्रवाई समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने की है.

प्रोफेसर ने जताया था जान का खतरा

वहीं, इस मामले के बाद प्रोफेसर डॉ. रविकांत ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के 12 छात्रों से अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा बताया था. डॉ. रविकांत ने हसनगंज थाने में 12 छात्रों और अन्य अराजक तत्वों के खिलाफ तहरीर देते हुए कार्रवाई करने की मांग भी की थी.

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