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MP: इंदौर के देपालपुर में पट्टे की जमीन पर विवाद,1 दलित की हत्या,8 घायल

Depalpur:दबंगों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, मारपीट, जानलेवा हमले के साथ हत्या की धारा भी लगाई जाएगी.

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मध्यप्रदेश के देपालपुर के कांकवा गांव में गुरुवार, 16 मार्च को हुई मारपीट में घायल मंडलाकला के एक दलित व्यक्ति की शुक्रवार दोपहर मौत हो गई. जिससे मृतक के परिजन और गांववाले आक्रोशित हैं.

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घटना में फरियादी पक्ष के 9 लोग घायल हुए. घायलों में 7 को गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया गया, जिनमें से 60 वर्षीय मायाराम की शुक्रवार को मौत हो गई.

आरोपियों की तलाश में टीआई अरुणसिंह सोलंकी के साथ टीम गई है. शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. जांच कर पुलिस मामले के बारे में पता लगाएगी. कविता, गांव के भैरू सोलंकी, विक्रम सोनारतिया, विजय गोयल, माया बाई सोलंकी, मायाराम भीलवाड़ा, शांतिलाल भीलवाड़ा, मेहरबान भीलवाड़ा, संगीताबाई, संजूबाई, रमेश गोयल, हुकुम गुजरवाड़िया कांकवा के खेत पर फसल काटने सुबह 10 बजे गए थे.
एएसपी शशिकांत कनकने

बता दें कि दोपहर करीब 12:30 बजे पवन पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी नन्नीबाई, बेटे जितेंद्र, धर्मेंद्र, नागूसिंह, बाबू पिता मांगीलाल, उसकी पत्नी धनीबाई, बेटा तूफान और बहू रेखाबाई पति तूफान आए और सरिये और डंडे से मारपीट शुरू कर दी. मारपीट में मायाराम, शांतिलाल, मेहरबान, संगीताबाई, संजूबाई, रेशमबाई, हुकुमलाल, सुरेश, मायाबाई घायल हो गए. सुरेश ने फोन लगाकर 108 एम्बुलेंस बुलवाई और घायलों को देपालपुर पहुंचाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद 7 घायलों को इंदौर रेफर कर दिया गया. वहीं मारपीट में मायाराम को सिर, दोनों पैर, दोनों हाथों पर गंभीर चोटें आई थी जिसके वजह से उपचार के दौरान शुक्रवार की दोपहर मौत हो गई.

दलित समाज ने किया आक्रोश प्रदर्शन

गौतमपुरा में पट्टे की 2 बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद के बाद शुक्रवार रात एमवाय अस्पताल में दलित समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया.

मायाराम बागरी (60) की हमले में मौत हो गई और उनके दो बेटे व बहू घायल हो गए. बागरी को प्रशासनिक अफसरों ने ही कोर्ट के आदेश के बाद जमीन पर कब्जा दिलवाया था. वे खेती करने गए तो उन पर हथियार लेकर आए 40-50 लोगों ने हमला कर दिया. मामले में पुलिस ने भी लेटलतीफी की और सूचना के बाद आधा घंटा देरी से पहुंची.
दलित समाज

हालांकि एमवाय में हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे अफसर ने पीड़ित परिवार को सहायता राशि देने की बात कही है.

क्या है पूरा विवाद

जानकारी के अनुसार, ग्राम कांकवा की जमीन को लेकर 1961 से विवाद चल रहा है. फरियादी पक्ष को 2002 में इन जमीनों के पट्टे बांटे थे. बाद में पट्टाधारी और कब्जाधारी के बीच विवाद हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने पट्टेधारियों के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट के आदेश पर 22 फरवरी, 2023 को पट्टेधारियों को कब्जा दिलाया गया. कब्जा लेते वक्त फसल खड़ी थी. इसी फसल को काटने पट्टेधारी पहुंचे और मारपीट शुरू हो गई.

इनके मकान तोड़ेगी पुलिस

दरअसल, पूरा मामला शासन द्वारा आवंटित पट्टों पर कब्जे का है.आरोपी बाबूसिंह, पवनसिंह, तूफान, गोकुल, नागूसिंह, जितेंद्र, गनीबाई, रेखाबाई, नन्नीबाई के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, मारपीट, जानलेवा हमले के 7 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. एक घायल की मौत के बाद हत्या की धारा भी बढ़ाई जाएगी. वहीं घटना के बाद आरोपी गांव से फरार हो गए हैं. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के मकान तोड़ने का निर्णय लिया है. देर रात तक कार्रवाई शुरू हो गई.

(इनपुट- अंकित परमार)

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