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MP के दो लोगों को मीडिया ने करार दे दिया आतंकी, NIA ने पूछताछ के बाद छोड़ा

बिहार में फुलवारी शरीफ केस में NIA ने देश के कई जगह छापे मारे थे

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दिल्ली से रविवार को जब NIA की टीम मध्य प्रदेश पहुंची तो मीडिया चैनलों के स्क्रीन पर फ्लैश होने लगा कि NIA ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और इनके तार ISIS से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. कुछ मीडिया चैनलों ने स्लीपर सेल तो कुछ ने खुद से ही आतंकवादी घोषित कर दिया. लेकिन, सोमवार को NIA ने उन दोनों युवकों ( जुबैर मंसूर और हाफिज अनस) को पूछताछ के बाद छोड़ दिया. इसकी जानकारी खुद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी.

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दरअसल, मामला ये है कि रविवार को NIA की टीम ने मध्यप्रदेश के रायसेन और भोपाल में दो जगह पार छापे मारे. दिल्ली से आई NIA की टीम सिलवानी नगर के वार्ड नंबर-12 में पहुंची, जहां वो नूरपुरा में शफीक मंसूरी के घर पर सुबह 7 बजे से 10 बजे तक गहन जांच कर कुछ कागजों को खंगाला. इस दौरान टीम जुबैर के बैंक खाते की जानकारी भी मांगती रही. लेकिन, जुबैर के पिता शफीक मंसूरी का कहना था कि जुबैर मंजुल मस्जिद के मदरसे में आलिम की पढ़ाई कर रहा है. उसके पास कोई बैंक खाता नहीं है.

हालांकि, इस पूरे मामले पर मीडिया के सामने बयान देने से NIA की टीम बचती रही. इस दौरान जुबैर के घर पर NIA की ओर से हर संभावित बिंंदू पर जांच की गई. घर की सघन तलाशी ली गई. मोबाइल से लेकर सारी चीजों की छानबीन की गई.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि NIA ने दो युवकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. उसके बाद उन्हें छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि इन युवकों द्वारा टेलीग्राम के व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता पाई गई थी, जिसको लेकर NIA ने इनसे पूछताछ की और इनके मोबाइल और लैपटॉप का क्लोन बनाकर अपने साथ ले गई.

जुबैर के पिता शफीक मंसूरी ने मीडिया को बताया कि

नई दिल्ली से आई टीम ने बताया कि उनके बेटे के दोस्तों के कुछ संदिग्ध लोगों से संबंध हैं, इस कारण तुम्हारे घर की तलाशी ली जा रही है. मंसूरी ने बताया कि उनका बेटा जुबैर पिछले 8 साल से ताजुल मस्जिद के मदरसे में आलिम की पढ़ाई कर रहा है. मदरसे में किसी प्रकार की फीस नहीं लगती है. इस कारण उसका बैंक में कोई खाता नहीं है. उसके दैनिक उपयोग के लिए 1000 से 2000 रुपये दो तीन महीने में जाने पर या उसके आने पर नगद ही दिये जाते हैं.

बता दें, शफीक मंसूरी के तीन बेटे हैं, जिनमें जुबैर मंसूरी 24 साल, जुनैद मंसूरी 21 साल, नवेद मंसूरी 19 साल और एक बेटी है, जिसका विवाह हो चुका है. वह और उसका बेटा नवेद फलों की दुकान लगाते हैं.

वहीं, इस मामले में दूसरे युवक का नाम हाफिज अनस है, जो कि गांधीनगर इलाके में 3BHK फ्लैट में किराए के मकान में रहता है. अनस के साथ उसकी पत्नी उसकी मां और बच्चे भी रहते हैं और वह पास ही में एक छोटा सा प्राइवेट स्कूल संचालित करता है.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अब तक की पूछताछ में उनका आतंकी कनेक्शन नहीं निकला है. NIA ज्यादा जानकारी नहीं सार्वजनिक नहीं करती है, लेकिन उन्होंने हमारी सुरक्षा एजेंसी से जो जानकारी शेयर की है, उसके अनुसार हिरासत में लिए गए दोनों युवकों को छोड़ दिया गया है.

उन्होंने ISIS नाम से एक टेलीग्राम बनाया था. NIA ने 160 के नोटिस के तहत दोनों को तलब किया था. इसमें मध्यप्रदेश का कुछ नहीं है. यह प्रदेश से बाहर का विषय है. NIA ने बिहार के फुलबारी आतंकी घटना के सिलसिले में मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन में दबिश दी थी. भोपाल की ताजुल मसाजिद से जुबैर मंसूरी और गांधी नगर के अब्बास नगर से हाफिज अनस को पकड़ा था. NIA ने 6 राज्यों के 13 जिलों में दबिश दी है. कार्रवाई में आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई है.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि

पूरे प्रदेश पुलिस थानों को हम अलर्ट करने वाले हैं कि वो संदिग्ध लोगों की जानकारी लें, साथ ही मकान मालिकों से अनुरोध करने वाले हैं कि संदिग्ध लोगों को किराए पर मकान न दें और कोई संदिग्ध लगता है तो थाने को जानकारी दें.

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